Mahashivaratri 2023: महाशिवरात्रि पर व्रत के दौरान भूलकर न करें ये काम, वरना क्रोधित हो जाएंगे भोलेनाथ

हिंदू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन मास की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का त्योहार मनाया जाता है। महाशिवरात्रि का पर्व इस साल 18 फरवरी 2023 यानी आज मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार महाशिवरात्रि भगवान शिव की उपासना के लिए सर्वोच्च दिन होता है। आज हर शिव भक्त अपने आराध्य की भक्ति में डूब कर उन्हें प्रसन्न कर आशीर्वाद पाना चाहता है। इस दिन लोग व्रत भी रखते है जिसको लेकर कुछ नियम भी बनाए गए है जिनका पालन करना बेहद जरुरी है। जो चलते आज हम आपको उन नियमों के बारे में बताने जा रहे हैं...

काले वस्त्र न पहने

महाशिवरात्रि के दिन काले रंग के कपड़े ना पहनें। इस दिन काले रंग के कपड़े पहनना अशुभ समझा जाता है। साथ ही साथ शिवलिंग पर चढ़ाए जाने वाले प्रसाद को ग्रहण ना करें, क्योंकि इससे दुर्भाग्य आता है। ऐसा करने से धन हानि भी हो सकती हैं। साथ ही अगर आपने व्रत भी नहीं किया है तो भी बिना स्नान किए कुछ ना खाएं। व्रत नहीं है तब भी बिना स्नान किए भोजन ग्रहण ना करें।

ये चीजें न खाएं

शिवरात्रि के दिन अगर आपने व्रत किया है तो दाल, चावल या गेहूं से बने खाद्य पदार्थों का सेवन ना करें। आप दूध या फलों का सेवन कर सकते हैं। सूर्यास्त के बाद कुछ भी ना खाएं।

देर तक ना सोएं

शिवरात्रि के त्योहार पर देर तक ना सोएं और रात के समय सोने से बचें। रात्रि जागरण के दौरान भगवान शिव के भजन सुनें और आरती करें। व्रत को अगली सुबह स्नान के बाद प्रसाद ग्रहण कर शिवजी को तिलक लगाकर व्रत खोला जा सकता है।

शिवलिंग पर कुमकुम न चढ़ाएं


महाशिवरात्रि पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए चंदन का टीका लगा सकते हैं। कुमकुम का तिलक ना लगाएं हालांकि, भक्तजन मां पार्वती और भगवान गणेश की मूर्ति पर कुमकुम का टीका लगा सकते हैं।

टूटे हुए अक्षत

भगवान शिव की पूजा में भूलकर भी टूटे हुए चावल नहीं चढ़ाया जाना चाहिए। अक्षत का मतलब होता है अटूट चावल, यह पूर्णता का प्रतीक है। शिवरात्रि का व्रत सुबह शुरू होता है और अगली सुबह तक रहता है। व्रती को फल और दूध ग्रहण करना चाहिए, हालांकि सूर्यास्त के बाद आपको कुछ नहीं खाना चाहिए।

केतकी के फूल ना चढ़ाएं

भगवान शिव को भूलकर भी केतकी और चंपा फूल नहीं चढ़ाएं। ऐसा कहा जाता है कि इन फूलों को भगवान शिव ने शापित किया था। केतकी का फूल सफेद होने के बावजूद भोलेनाथ की पूजा में इस्तेमाल नहीं किया जाता है।

कटे-फटे बेलपत्र न चढ़ाए

शिवरात्रि पर तीन पत्रों वाला बेलपत्र शिव को अर्पित करें और डंठल चढ़ाते समय आपकी तरफ हो। टूटे हुए या कटे-फटे बेलपत्र भूलकर भी न चढ़ाए।