Chaitra Navratri Festival 2018 - पूजन विधि : इस तरह करें माँ कुष्मांडा को प्रसन्न, होगी हर मनोकामना पूरी

आज चैत्र नवरात्रा का चौथा दिन हैं अर्थात माँ कुष्मांडा के पूजन का दिन। इस दिन माँ कुष्मांडा की विधिवत पूजा की जाती हैं और माता रानी को मालपुए का भोग लगाया जाता हैं। इसी के साथ आज के दिन किये गए ज्योतिषीय उपाय को सर्वश्रेष्ठ माना जाता हैं। क्योंकि नवरात्रा के दिनों में किये गए उपाय शुभ फलदायक होते हैं। इसलिए आज हम आपके लिए माँ कुष्मांडा के पूजन के दिन किये जाने वाला ज्योतिषीय उपाय लेकर आये हैं। जिसको अपनाकर आप अपनी मानसिक और शारीरिक परेशानियों से छुटकारा पा सकें और आपकी हर मनोकामना पूर्ण कर सकें। तो आइये जानते हैं कैसे करें उपाय।

- नवरात्रि के चौथे दिन एक पान का पत्ता और साबुत लौंग लें। साबुत लौंग का अर्थ है लौंग के ऊपर का फूल उतरा ना हो। पान का पत्ता और लौंग दोनों लेकर आप पूजा घर में बैठ जाएं और एक दीप प्रज्वलित करें। दीप घी का हो तो बेहतर होगा लेकिन अगर घर में घी नहीं है तो तेल का दीप जला सकते हैं।

मां के सामने पान का पत्ता और उसके ऊपर लौंग रख दें। फिर मां के सामने हाथ जोड़कर बैठ जाएं और ऊँ ह्रीं कूष्माण्डायै नम: का 21 बार जाप करें। ध्यान रहे जाप करते हुए बीच में आपको कोई टोके नहीं। उस पान के पत्ते और लौंग को अपने दाहीने हाथ में रखें और आपकी जितनी भी मनोकामनाएं हैं, उसे बोलें। फिर प्रज्वलित दीप के ऊपर से एंटी क्लॉक वाइज हाथ घुमाएं। ऐसा करने के बाद उस पान और लौंग को वहीं पूजा स्थान पर रख दें।

रात भर उस पान और लौंग को वैसे ही छोड़ दें। सुबह स्नान ध्यान करने के बाद उस पान और लौंग को बहते पानी में बहा दें। अगर आपके आसपास कोई बहती नदी नहीं है तो बड़े पेड़ के नीचे उसे दबा दें। पेड़ पीपल का हो तो और और भी अच्छा होगा। यह उपाय चैत्र नवरात्रि के चौथे दिन रात 8 बजे के बाद करें। आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी।