नवरात्रि के इन नौ दिनों में मातारानी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा की जाती हैं। आज नवरात्रि का छठा दिन हैं जो कि मां कात्यायनी को समर्पित हैं। चार भुजाओं वाली मां कात्यायनी की पूजा से रोग, शोक, संताप और भय नष्ट हो जाते हैं। मातारानी की उपासना भक्तों को बड़ी आसानी से अर्थ, धर्म, काम और मोक्ष चारों फलों की प्राप्ति करवाती हैं। आज के दिन मातारानी को शहद युक्त पान अर्पित करना शुभ रहता हैं। आज इस कड़ी में हम आपके लिए मां कात्यायनी की पूजन विधि और विशेष मंत्र से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
मां कात्यायनी पूजन विधि
- गोधूली वेला के समय पीले अथवा लाल वस्त्र धारण करके इनकी पूजा करनी चाहिए।
- इनको पीले फूल और पीला नैवेद्य अर्पित करें। इन्हें शहद अर्पित करना विशेष शुभ होता है।
- मां को सुगंधित पुष्प अर्पित करने से शीघ्र विवाह के योग बनेंगे साथ ही प्रेम संबंधी बाधाएं भी दूर होंगी।
- इसके बाद मां के समक्ष उनके मंत्रों का जाप करें।
- माता कात्यायनी का चित्र या यंत्र सामने रखकर रक्तपुष्प से पूजन करें। यदि चित्र में यंत्र उपलब्ध न हो तो देवी माता दुर्गाजी का चित्र रखकर निम्न मंत्र की 51 माला नित्य जपें, मनोवांछित प्राप्ति होगी। साथ ही ऐश्वर्य प्राप्ति होगी।
मां कात्यायनी पूजन मंत्र
- ॐ ह्रीं नम:
- चन्द्रहासोज्जवलकराशाईलवरवाहना। कात्यायनी शुभं दद्याद्देवी दानवघातिनी।।
- ॐ देवी कात्यायन्यै नमः