रुद्राभिषेक अर्थात शिव का अभिषेक। सावन के इस पवित्र महीने को शिव की पूजा की जाती हैं और रुद्राभिषेक भी किया जाता है ताकि भगवान शिव प्रसन्न हो और हमें आशीर्वाद प्रदान करें। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भक्तों की विभिन्न महोकामनाओं की पूर्ती के लिए रुद्राभिषेक भी विभिन्न चीजों से किया जाता हैं। जी हाँ, हर मनोकामना के लिए विभिन्न रुद्राभिषेक किया जाता हैं। आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि किस मनोकामना की पूर्ति के लिए किस चीज से रुद्राभिषेक किया जाना चाहिए।
* जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।
* असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।
* भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।
* लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।
* धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।
* तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।
* इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।
* पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।
* रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।
* ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगाजल से रुद्राभिषेक करें।
* सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
* प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।
* शकर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।
* सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।
* शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।
* पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।
* गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।
* पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शकर मिश्रित जल से अभिषेक करें। ऐसे तो अभिषेक साधारण रूप से जल से ही होता है।