Ganesh Chaturthi 2018 : मोर पर विराजित होकर आए विकट अवतार में गणपति जी, जानें इस रूप से जुड़ी पौराणिक कथा

गणेशोत्सव का पर्व अपने समापन की ओर आ चुका हैं और सभी तरफ इसकी तैयारियां शुरू होने लगी हैं। पूरे देशभर में गणपति विसर्जन का विशेष आयोजन किया जाता हैं। खासकर मुंबई में तो यह आयोजन देखने लायक होता हैं। गणपति जी की कई रूपों की झांकियां भी सुसज्जित की जाती हैं। जिसमें से उनका विकट अवतार भी जाना जाता हैं। आज इस गणेशोत्सव के पावन पर्व पर हम आपको गणपति जी के विकट अवतार के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं विकट अवतार से जुडी पौराणिक कथा के बारे में...

भगवान विष्णु ने जलंधर के विनाश के लिए उसकी पत्नी वृंदा का सतीत्व भंग किया। उससे एक दैत्य उत्पन्न हुआ, उसका नाम था कामासुर। कामासुर ने शिव की आराधना करके त्रिलोक विजय का वरदान पा लिया। इसके बाद उसने अन्य दैत्यों की तरह ही देवताओं पर अत्याचार करने शुरू कर दिए। तब सारे देवताओं ने भगवान गणेश का ध्यान किया। तब भगवान गणपति ने विकट रूप में अवतार लिया। विकट रूप में भगवान मोर पर विराजित होकर अवतरित हुए। उन्होंने देवताओं को अभय वरदान देकर कामासुर को पराजित किया।