भगवान गणेश के जन्म दिन के उत्सव को गणेश चतुर्थी के रूप में जाना जाता है। गणेश चतुर्थी के दिन, भगवान गणेश को बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में पूजा जाता है। यह मान्यता है कि भाद्रपद माह में शुक्ल पक्ष के दौरान भगवान गणेश का जन्म हुआ था। अंग्रेजी कैलेण्डर के अनुसार गणेश चतुर्थी का दिन अगस्त अथवा सितम्बर के महीने में आता है।
गणेशोत्सव अर्थात गणेश चतुर्थी का उत्सव, 10 दिन के बाद, अनन्त चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है और यह दिन गणेश विसर्जन के नाम से जाना जाता है। अनन्त चतुर्दशी के दिन श्रद्धालु-जन बड़े ही धूम-धाम के साथ सड़क पर जुलूस निकालते हुए भगवान गणेश की प्रतिमा का सरोवर, झील, नदी इत्यादि में विसर्जन करते हैं। इस बार चतुर्थी तिथि बुधवार 12 सितंबर को शाम 04:08 बजे से शुरू होगी। जोकि 13 सितंबर बृहस्पतिवार दोपहर 02:51 मिनट तक रहेगी। गणेश चतुर्थी पर पूजन के लिए सुबह 11:10 बजे से दोपहर 01:38 बजे तक शुभ मुहूर्त है। सिद्धिविनायक श्री गणेश चतुर्थी Ganesh Chaturthi 2018 का व्रत भाद्रपद शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि को किया जाता है। इसी दिन मध्याह्न काल में श्री गणेश जी का जन्म हुआ था। इसलिए मध्याह्न व्यापिनी चतुर्थी तिथि को यह व्रत किया जाता है। भगवान गणेश विध्नहर्ता और विघ्नकर्ता दोनों है और यह वैभव और सम्पत्ति को दाता है। गणेशोत्सव का प्रसिद्ध महापर्व इस साल श्री गणेश चतुर्थी 13 सितम्बर 2018 गुरुवार से प्रारम्भ होकर 23 सितम्बर 2018 रविवार को गणपति विसर्जन के साथ समाप्त होगा। गणेशोत्सव का नाम आते ही सबके मुंह पर एक नाम तो आता ही हैं वो है लालबाग चा राजा का। इस मंडल की स्थापना वर्ष 1934 में अपने मौजूदा स्थान पर (लालबाग, परेल) हुई थी। पूर्व पार्षद श्री कुंवरजी जेठाभाई शाह, डॉ॰ वी. बी कोरगांवकर और स्थानीय निवासियों के लगातार प्रयासों और समर्थन के बाद, मालिक रजबअली तय्यबअली ने बाजार के निर्माण के लिए एक भूखंड देने का फैसला किया।
यह गणेश मंडल अपने 10 दिवसीय समारोह के दौरान लाखों लोगों को खासा आकर्षित करता है। इस प्रसिद्ध गणपति को ‘नवसाचा गणपति’(इच्छाओं की पूर्ति करने वाले) के रूप में भी जाना जाता है। हर वर्ष केवल दर्शन पाने के लिए यहां करीबन 5 किलोमीटर की लंबी कतार लगती है, लालबाग के गणेश मूर्ति का विसर्जन गिरगांव चौपाटी में दसवें दिन किया जाता है इसलिए आज हम लालबाग चा राजा 2017 गणेशोत्सव के Day 11 की आरती लेकर आए हैं।