घर के पूजाघर से जुड़ी ये बातें जानना बहुत जरूरी, वास्तु के अनुसार बड़ा महत्व

हर घर में पूजाघर तो होता ही हैं फिर चाहे छोटा हो या बड़ा ताकि सभी भगवान के आगे नतमस्तक होकर उनका आशीर्वाद ले सकें। पूजाघर होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता हैं और नकारात्मकता दूर होती हैं। घर में स्थित पूजाघर आपके लिए सौभाग्य लेकर आता हैं। लेकिन यह भी जरूरी हैं कि मंदिर से जुड़े वास्तु नियमों का ध्यान रखा जाए ताकि उचित लाभ मिल सकें। इसलिए आज हम आपके लिए घर के पूजाघर से जुड़े वास्तु टिप्स की जानकारी लेकर आए है। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

- ईशान कोण में पूजाघर होने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह सदैव बना रहता है। मंदिर सीढ़ियों के नीचे नहीं बनाना चाहिए।

- शौचालय या बाथरूम के बगल में नहीं बनाना चाहिए। बेडरूम में भी मंदिर नहीं होना चाहिए। बेसमेंट भी पूजाघर के लिए ठीक नहीं है।

- अपने घर को तीन माह से अधिक समय तक खाली न छोड़ें। घर के भंडार को भी कभी खाली न रखें। अगर कहीं जाना है तो कभी पूजाघर में ताला लगाकर न जाएं।

- अगर मकान वर्षों से खाली पड़ा है तो ऐसे मकान को वास्तुशांति के बाद उपयोग में लाएं।

- वास्तु के अनुसार घर का मंदिर रसोईघर में नहीं होना चाहिए।

- पूजाघर में भगवान श्रीगणेश और मां लक्ष्मी की मूर्ति को कभी भी खड़ा न रखें। पूजा स्थल अंधेरे में न हो।

- अगर मंदिर लकड़ी का है तो इसे घर की दीवार से सटाकर न रखें। पूजाघर में देवताओं की दृष्टि एक-दूसरे पर नहीं पड़नी चाहिए।

- घर के पूजाघर में गुंबद, कलश नहीं बनाने चाहिए। मंदिर के नीचे पूजन सामग्री, धार्मिक पुस्तकों को रखना चाहिए।

- मंदिर में रखी भगवान की मूर्तियों का चेहरा किसी भी वस्तु से ढंका हुआ नहीं होना चाहिए।

- एक घर में कई मंदिर न बनाएं। घर में जहां मंदिर बना हो, उस ओर पैर करके नहीं सोना चाहिए।