सावन स्पेशल : जानें किस समय जलाएं शिव के सामने दीपक, होगी धन और ऐश्‍वर्य की प्राप्ति

सावन के महीने में की गई भगवान शिव की पूजा अक्षय पुण्य की प्राप्ति करवाती हैं। शिवपुराण के अनुसार शिव सावन महीने के अधिष्ठाता देव हैं। शिव को प्रसन्न करने के लिए अभिषेक और पूजन किया जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि एक दीपक की मदद से भी आप शिव को प्रसन्न कर धन और ऐश्‍वर्य की प्राप्ति कर सकते हैं। शिव के सामने दीपक जलाने से जीवन से अन्धकार दूर होता हैं और सभी पाप नष्ट हो जाते हैं। आज हम आपको बतानें जा रहे हैं कि किस समय शिव के सामने दिया जलना चाहिए और इसके पीछे की पौराणिक कथा के बारे में।

शिवपुराण के अनुसार, सावन मास में हर रोज रात के समय भगवान शिव के सामने दीपक जलाना चाहिए। दीपक हमेशा आठ या बारह मुखी का होना चाहिए। इससे शिव कृपा और अक्षय पुण्य की प्राप्ति होती है। साथ ही सभी समस्याओं का अंत होता है। शिवपुराण में इससे संबंधित एक कथा भी बताई गई है, जिसमें बताया गया है कि भगवान शिव के सामने दीपक जलाने से क्या फायदे हो सकते हैं।

कथा के अनुसार, प्राचीन काल में गुणनिधि नाम का एक गरीब व्यक्ति था। परिवार को भोजन मिल सके इसलिए हर रोज काफी मेहनत करता था। वह इतना गरीब व असहाय था कि वह कभी-कभी मूखा भी सो जाता था। एक दिन भोजन की खोज में रात हो गई और विश्राम करने के लिए शिव मंदिर में पहुंच गया।

शिव मंदिर में बहुमूल्य हीरे-जवाहरात, सोने-चांदी के गहने रखे हुए थे। मूख से बेहाल गुणनिधि इन गहनों को चुराना चाहता था। मंदिर में पहुंचते ही वहां रखा दीया बुझ गया। जिससे मंदिर में बहुत अंधेरा हो गया। गुणनिधि ने दीपक जलाने की बहुत कोशिश की लेकिन उसकी सभी कोशिशें नाकाम हो गईं। मंदिर में से अंधेरा दूर करने के लिए उसने अपनी कमीज जला दी, जिससे मंदिर का अंधेरा दूर हो गया। भगवान शिव यह देखकर बहुत प्रसन्न हुए। उन्होंने गुणनिधि की गरीबी को दूर की और अगले जन्म में देवताओं के कोषाध्यक्ष कुबेर के रूप में जन्म लेने का आशीर्वाद दिया।

कुबेर धन के देवता नहीं होते हैं, वह धन के रखवाले होते हैं। यह कथा बताती है कि भगवान शिव कितनी जल्दी प्रसन्न हो जाते हैं इसलिए उनको भोलेनाथ कहा जाता है। भोलेनाथ की सावन मास में सच्चे मन से पूजा करने से सभी कष्टों से मुक्ति दे देते हैं।