कल से शारदीय नवरात्रि का आरंभ होने जा रहा हैं और पहला दिन घट स्थापना कर मातारानी की स्थापना की जाती हैं। नवरात्रि के इन नौ दिनों में मातारानी का पूजन किया जाता हैं जिसमें कई चीजों का इस्तेमाल किया जाता हैं। मातारानी की पूजा मेंसबसे ज्यादा जरूरी माना जाता हैं जौ को जिसकी तुलना स्वर्ण से की गई है और यह आपके जीवन में सुख-समृद्धि लेकर आता हैं। क्या आप जानते हैं कि जौ आपके आने वाले समय के बारे में भी बहुत कुछ बताता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको शारदीय नवरात्रि में जौ के महत्व को बताने जा रहे हैं।
पहले दिन बोए जाते हैं जौ
शारदीय नवरात्र के पहले दिन मिट्टी के बर्तन में जौ बोए जाते हैं। जौ का बहुत अधिक धार्मिक महत्व होता है। धार्मिक महत्व के साथ ही यह सेहत पर भी अच्छा प्रभाव डालती है। इम्युनिटी को मजबूत करती है। जौ के ज्वारे का रस पीने से खून साफ होता है।
जौ को लेकर मान्यता
नवरात्र में जौ को लेकर विशेष प्रकार की मान्यता है कि नवरात्रि में जौ को उगाने से भविष्य के बारे में संकेत मिलते हैं। माना जाता है कि बोया हुआ जौ 2 से 3 दिन में ही अंकुरित हो जाता है और ऐसा नहीं होता है तो यह भविष्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है। नवरात्र में जौ को बोने के लिए स्वच्छ मिट्टी का प्रयोग करना चाहिए।
ब्रह्मा का रूप हैं जौ
जौ को बोने के पीछे यह मान्यता है कि जौ को अन्न ब्रह्मा का रूप माना गया है और हमें अन्न का सम्मान करना चाहिए। पौराणिक काल से हवन में जौ की आहुति देने की परंपरा चली आ रही है। इसके अलावा पूजा पाठ में भी जौ को प्रयोग होता है और माना जाता है कि ऐसा करने से आपके घर में धन धान्य की कभी कमी नहीं होती है।
जौ के रंग से पता चलता है आने वाला वक्त
नवरात्र के दिनों में बोये गए जौ के रंग से भी शुभ-अशुभ संकेत मिलते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो यदि जौ के ऊपर का आधा हिस्सा हरा हो और नीचे से आधा हिस्सा पीला तो इससे आने वाले साल का पता चलता है। यानी कि इस रंग की जौ होने का आशय है कि आने वाले साल में आधा समय अच्छा होगा और आधा समय परेशानियों और दिक्कतों से भरा होगा। इसके अलावा अगर जौ का रंग हरा हो या फिर सफेद हो गया हो, तो इसका अर्थ होता है कि आने वाला साल काफी अच्छा जाएगा। यही नहीं देवी भगवती की कृपा से आपके जीवन में अपार खुशियां और समृद्धि का वास होगा।