हिन्दू धर्म में पूजा घर के स्थान को बहुत ही महत्व दिया जाता है। पूजा घर का घर में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान मानते है क्योकि इससे घर में सदेव ही अच्छा वातावरण बना रहता है। घर की शुद्धिकरण के लिए मन्दिर होना बहुत जरूरी है पर इसके साथ यह बात ध्यान में रखी जानी आवश्यक है की पूजा घर की स्थिति सही होनी चाहिए। तो ऐसे में आज हम आपको घर के पूजा घर की स्थिति के बारे में बतायेंगे तो आइये जानते है इस बारे में....
# पूर्व दिशा में घर का मन्दिर होना बहुत ही अच्छा होता है क्योकि इससे घर की सभी मुसीबते दूर होती है और साथ ही घर में कभी भी किसी चीज़ की कमी नही रहती है।
# उतर पूर्व की दिशा हो तो वह भी बहुत ही शुभ मानी जाती है। इस तरह से मन्दिर निर्माण से पर्याप्त मात्रा में सूर्य की रौशनी आती है जो घर को शुद्ध कर देती है।
# वास्तु के अनुसार सोने के कमरे के सामने कभी भी मन्दिर नही होना चाहिए क्योकि इससे पति पत्नी का रिश्ता खराब होता है। अगर हो तो पर्दा जरुर रखे।
# घर के मन्दिर का दरवाजा कभी भी लकड़ी का नही बनाना चाहिए क्योकि लकड़ी को मृत समान माना जाता है इसलिए लकड़ी से निर्मित नही करवाना चाहिए।
# पूजा घर की जगह हमेशा ऐसी हो जो घर के वातावरण को शुद्ध बनाये जैसे की एक अलग ही कमरे में पूजा घर हो और साथ ही कभी भी बेसमेंट जैसी जगहों पर मंदिर नही होना चाहिए।