भगवान कृष्ण की कुंडली में भी था कालसर्प दोष, जन्माष्टमी पर इन उपायों से मिलेगा छुटकारा

भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव के रूप में भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को जन्माष्टमी का पावन पर्व मनाया जाता हैं। इस बार जन्माष्टमी दो दिन 18 अगस्त और 19 अगस्त को मनाई जा रही हैं। इस दिन भक्तगण भगवान कृष्ण के आशीर्वाद से कुछ उपायों को कर अपनी परेशानियों का निवारण पा सकते हैं। इन परेशानियों में से एक हैं कालसर्प दोष। भगवान कृष्ण की कुंडली में भी कालसर्प दोष था इसलिए उनको जेल में जन्म लेना पड़ा और जन्म लेते ही अपने मां-बाप से दूर जाना पड़ा। कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व कालसर्प दोष को दूर करने के लिए बहुत उत्तम माना जाता है और ज्योतिषीय उपाय किए जाते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कालसर्प दोष मुक्ति के इन उपायों के बारे में बताने जा रहे हैं।

इस मंदिर के जरूर करें दर्शन

जन्माष्टमी पर जब बाल गोपाल की पूजा करें तो उनके साथ कालिया नाग पर नृत्य करते हुए कृष्ण की तस्वीर भी पास रखें। इसके बाद विधि-विधान से पूजा करें। इसके साथ आप मथुरा के कालिया नाग मंदिर के भी दर्शन करें। मंदिर के बारे में विशेषता यह है कि जब कृष्णजी से भयभीत होकर कालिया नाग भागने लगा था तब कृष्णजी ने अपने शाप से कालिया नाग को पत्थर का बना दिया था, यहां पत्थर के कालिया नाग आज भी हैं। इनके दर्शन मात्र से ही कालसर्प दोष दूर हो जाता है।

कान्हा को दें बांसुरी


जन्माष्टमी पर कालसर्प दोष को दूर करने के लिए भगवान कृष्ण को बांसुरी भी अर्पित करें। राहु-केतु छाया ग्रह हैं और ये नकारात्मक ऊर्जा फैलाते हैं, जिससे कालसर्प दोष प्रभावी हो जाता है लेकिन बांसुरी नकारात्मक ऊर्जा को दूर करती हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती है। इसलिए कान्हा को बांसुरी अर्पित करें और अगले दिन बांसुरी को घर के आगे लटका दें और हर रोज पूजा करें। ऐसा करने से कालसर्प दोष प्रभावी नहीं रहेगा।

भगवान को अर्पित करें ये चीजें

जन्माष्टमी की विधि विधान से पूजा करने के बाद कान्हा को चांदी या फिर कांच की गोली भी अर्पित करें। बाद में इन गोली को अपने पास हमेशा संभालकर रखें। ऐसा करने से कालसर्प दोष से मुक्ति मिलती है और जीवन में शांति आती है। साथ ही जिनको कालसर्प दोष नहीं हो, वे भी अगर रखें तो उनसे भी सभी समस्याएं दूर रहेंगी। कांच का संबंध केतु से माना जाता है इसलिए इसका अशुभ प्रभाव दूर रहता है।

गोविंद दामोदर स्तोत्र का पाठ


कृष्ण जन्माष्टमी के दिन विधि विधान से पूजा करने के बाद गोविंद दामोदर स्तोत्र का पाठ करें। इसका पाठ करने से ग्रहों का अशुभ प्रभाव दूर रहता है और भागवत कथा सुनने जीतना फल मिलता है। साथ ही इस स्तोत्र का पाठ करने से घर में सुख-समृद्धि बनी रहती है और भगवान कृष्ण का भी आशीर्वाद मिलता है।