पुरी में आज जगन्नाथ रथ यात्रा शुरू हो गई है। भगवान जगन्नाथ नगर भ्रमण के लिए और अपने भक्तों को दर्शन देने के लिए निकल गये हैं। इस भव्य यात्रा में शामिल होने के लिए बहुत दूर-दूर से लोग पहुंचे हैं। बता दे, भगवान जगन्नाथ को विष्णु का 10वां अवतार माना जाता है, जो 16 कलाओं से परिपूर्ण हैं। पुराणों में जगन्नाथ धाम की काफी महिमा है, इसे धरती का बैकुंठ भी कहा गया है। यह हिन्दू धर्म के पवित्र चार धाम बद्रीनाथ, द्वारिका, रामेश्वरम और जगन्नाथ पुरी में से एक है। यहां भगवान जगन्नाथ बड़े भाई बलभद्र और बहन सुभद्रा के साथ विराजते हैं। यहां के बारे में मान्यता है कि श्रीकृष्ण, भगवान जगन्नाथ के रुप है और उन्हें जगन्नाथ (जगत के नाथ) यानी संसार का नाथ कहा जाता है।
भ्रमण शुरू होने से पहले 108 जोतों से भगवान की आरती की गई। दोपहर 12 बजे यात्रा को शुरू करने के लिए जुएं की बोली होगी। जो चार लोग सबसे महंगी बोली लगाएंगे उन्हें सबसे पहले जुएं को हाथ लगाने का सौभाग्य मिलेगा। बोली का पैसा मंदिर में दक्षिणा के रूप में अर्पण किया जाएगा।
कोलकाता से आए हुए फूलों से होगी रथ की सजावटरथयात्रा की सजावट खास किस्म के फूलों से की गई है। यह फूल कोलकाता से खासतौर पर यात्रा के लिए ही मंगवाए गए हैं। रथयात्रा में हरिद्वार, नोएडा व सोनीपत से झांकियां शामिल होंगी। साथ में रुड़की बैंड और समालखा बैंड भी शामिल होंगे।
जानिए क्या है रथ यात्रा की खासियतइस रथयात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, भगवान बालभद्र और देवी सुभद्रा रथ में बैठकर जगन्नाथ मंदिर से गुंडिचा मंदिर जाते हैं। आपको बता दें, भगवान बालभद्र और देवी सुभद्रा का जगन्नाथ मंदिर घर माना जाता है तो वहीं गुंडिचा मंदिर को भगवान जगन्नाथ की मौसी का घर कहा जाता है।