हर व्यक्ति अपने जीवन में जाने-अनजाने में कई ऐसे कार्य कर बैठता हैं जिसकी वजह से उन पर पाप चढ़ जाते हैं। इन पाप से मुक्ति पाने के लिए व्यक्ति कई प्रयास करता हैं। ऐसे में आज 'अजा एकादशी' का व्रत रखकर आप जीवन के सभी पापों का नाश कर सकते हैं। आपको आपके व्रत का पूर्ण लाभ मिल सकें इसके लिए आज हम अजा एकादशी की पूर्ण व्रत विधि से जुड़ी जानकारी लेकर आए हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
- सुबह जल्दी उठकर नित्यक्रियाओं से मुक्त होना चाहिए।
- पूरे घर को जल से शुद्ध करना चाहिए तथा इसके बाद तिल के तेल या मिट्टी के लेप से स्नान करना चाहिए।
- स्नान के बाद व्रत संकल्प लेकर भगवान श्रीहरि का पूजन करना चाहिए।
- पूजा के स्थान पर भगवान विष्णु जी की प्रतिमा के साथ एक कलश रखने का विधान हैं।
- इसके बाद विष्णु जी की धूप, फल, फूल, दीप, पंचामृत आदि से पूजा करनी चाहिए।
- अजा एकादशी व्रत की कथा सुने अथवा सुनाये।
- आरती करें।
- उपस्थित लोगों में प्रसाद वितरित करें।
- रात्रि जगरण करें।
- ब्राह्मणों को भोजन करायें।