इन 4 रंगों को जीवन में शामिल कर नए साल को बनाए खुशनुमा

रंगों से भरी इस दुनिया में हर रंग का अपना महत्व हैं जो आपको खुशियां देने का काम करता हैं। वास्तु में भी रंगों की विशेष शक्ति और ऊर्जा बताई गई हैं जो आपके जीवन को प्रभावित करती हैं। ग्रह और देवी-देवताओं से भी रंगों का नाता हैं जो व्यक्ति के शुभ-अशुभ का निर्धारण करते हैं। ऐसे में अपने जीवन में ऐसे रंगों को समाहित करना चाहिए जो सकारात्मक ऊर्जा उत्सर्जित करें और आपके जीवन में शुभता लेकर आए हैं। आज इस कड़ी में हम आपको कुछ ऐसे ही रंगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें जीवन में शामिल कर आप नए साल को खुशनुमा बना सकते हैं।

पीला रंग

पीले रंग के वस्त्रों को पितांबर कहते हैं। इसके अंतर्गत आप नारंगी और केसरी रंग को भी शामिल कर सकते हैं। इससे गुरु का बल बढ़ता है। गुरु हमारे भाग्य को जगाने वाला गृह है। वैज्ञानिकों के अनुसार पीला रंग के उपयोग से हमारे रक्त में लाल और श्वेत कणिकाओं का विकास होता है। किचन में और बैठक रूप में इस रंग का प्रयोग करें। घर का फर्श पीले रंग कर रख सकते हैं।

लाल रंग

लाल रंग के अंतर्गत केसरिया या भगवा का उपयोग भी कर सकते हैं। भगवा या केसरिया सूर्योदय और सूर्यास्त का रंग भी है। इसी में शामिल है अग्नि का रंग भी। लाल रंग उत्साह, सौभाग्य, उमंग, साहस और नवजीवन का प्रतीक है। प्रकृति में लाल रंग या उसके ही रंग समूह के फूल अधिक पाए जाते हैं। मां लक्ष्मी को लाल रंग प्रिय है। घर की दीवारों का रंग लाल नहीं होना चाहिए। बेडरूम में चादर, पर्दे और मैट का रंग लाल नहीं होना चाहिए।

सफेद रंग

शुभ्र या सफेद आत्मा का रंग है जिसमें हल्का सा निलापन भी है। सफेद रंग माता सरस्वती का है। इससे राहु शांत रहता है। घर में सफेद रंग के उपयोग के भी कुछ वास्तु नियम जरूर समझ लेना चाहिए। सफेद रंग से मन में शांति और सुख का आभास होता है। सफेद रंग से शुद्धता और पवित्रता का आभास भी होता है।

नीला रंग

संपूर्ण जगत में नीले रंग की अधिकता है। यदी आप गुलाबी रंग देखें तो आपको उसमें लाल, सफेद और नीला रंग दिखाई देगा। इस रंग का भी सोच समझ कर ही उपयोग करना चाहिए। खालिस नीला रंग उपयोग ना करें। नीले के साथ पीला, सफेद और हल्के लाल रंग का उपयोग कर सकते हैं। नीले रंग का सही समय पर और सही तरीके से उपयोग करेंगे तो यह जीवन में सफलता देगा। बैंगनी या नीले से मिलते जुलते रंग का उपयोग ना करें।