Navratri 2019: आखिर क्यों की जाती है कन्याओं के साथ एक लड़के की पूजा, जानें रहस्य

नवरात्रि का पावन पर्व सभी तरफ आस्था का माहौल उत्पन्न कर देता हैं जिससे मन को आत्मिक खुशी मिलती हैं। इन नौ दिनों में मातारानी के विभिन्न स्वरूपों की पूजा करते हुए अंत में कन्या पूजन किया जाता हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कन्याओं के साथ एक लड़के का होना भी जरूरी होता हैं, अन्यथा कन्या पूजन का फल नहीं मिल पाता हैं। तो आइये आज हम बताते हैं इसका कारण कि आखिर क्यों कन्याओं के साथ एक लड़के की पूजा भी जरूरी होती हैं।

ऐसा इसलिए क्योंकि बालक को बटुक का रूप माना जाता है। जहां-जहां देवी सती के अंग गिरे वहां शक्तिपीठ की स्थापना हुई। वहीं पर भगवान भोलेनाथ ने अपने स्वरुप भैरव को भी हर दरबार में तैनात किया है। वास्तव में हर देवी माता के दरबार में सुरक्षा के लिए भगवान शिव (Lord Shiva) ने अपने स्वरूप भैरव को बैठाया है। देवी के शक्तिपीठ स्थापित करने भगवान शिव स्वयं पृथ्वी पर आए थे। मां की पूजा भैरव बाबा के दर्शन के बिना अधूरी मानी जाती है।

इसलिए कन्याभोज के समय 9 कन्याओं के साथ एक लड़के का होना बेहद शुभ और फलदायी माना जाता है। इससे आपके द्वारा की गई पूजा का फल आपको मिलना तय है। अब यह पुण्य फल कोई और नहीं ले जा सकता। इसलिए अगर आप चाहते हैं कि आपकी देवी पूजा का फल बुरी नजरों और ताकतों से बचा रहे तो कन्याओं के साथ बालक का पूजन भी अवश्य करें।