हिन्दू परिवारों में हर घर में देवी-देवताओं की पूजा की जाती हैं और इसी के साथ ही कई लोग अपने घर के मंदिर में बाल-गोपाल अर्थात लड्डू गोपाल की स्थापना करते हैं और उनकी पूजा भी करते हैं। स्थापना के बाद से ही लड्डू गोपाल की घर के बच्चे के समान ही पूजा की जाती हैं। लड्डू गोपाल की सेवा करने और उनके खुश होने से घर में प्रसन्नता आती हैं। लेकिन इसके लिए सबसे जरूरी हैं कि बाल गोपाल की पूजा से जुड़े नियमों का अच्छे से ध्यान रखा जाए। इसलिए आज हम आपको बाल गोपाल की सेवा से जुड़े नियमों की जानकारी देने जा रहे हैं।
- सुबह जल्दी उठने के बाद सबसे पहले बाल गोपाल की पूजा और भोग लगाना चाहिए।
- बाल गोपाल की पूजा में प्रयोग की जाने वाली सभी सामग्रियों का शुद्ध होना जरूर है। इसलिए पूजा के बर्तन को जरूर साफ करें।
- बाल गोपाल को साफ जल और गंगाजल से प्रतिदिन स्नान जरूर करवाना चाहिए।
- स्नान करवाने के बाद चंदन का टीका लगाएं।
- श्रृंगार के बाद सबसे पहले भगवान गणेश की आरती उतारे फिर लड्डू गोपाल की।
- आरती के बाद अपने हाथों से उन्हें भोग लगाएं, झूला झूलाएं और फिर झूले में लगे परदे को बंद करना ना भूले।
- सुबह और शाम के दोनों वक्त लड्डू गोपाल की आरती और भोग लगाना जरूरी होता है।
- शुभ अवसर और त्योहार पर उन्हें नए कपड़े और पकवान का भोग जरूर लगाएं।
- बाल गोपाल के कपड़ों को रोजाना बदलें। इसके अलावा दिन के अनुसार अलग-अलग रंग वाले कपड़े ही पहनाएं जैसे सोमवार को सफेद, मंगलवार को लाल, बुधवार को हरा, गुरुवार को पीला, शुक्रवार को नारंगी, शनिवार को नीला और रविवार को लाल कपड़ा।
- लड्डू गोपाल को मक्खन, मिश्री और तुलसी के पत्ते बहुत पसंद होता है। इसलिए भोग में रोजाना इसे जरूर शामिल करें।
- रोजाना लड्डू गोपाल के श्रृंगार में उनके कान की बाली, कलाई में कड़ा, हाथों में बांसुरी और मोरपंख जरूर होना चाहिए।
- बाल गोपाल की पूजा और भोग लगाएं बिना खाना नहीं खाना चाहिए। उन्हें भोग लगाने के बाद भोजन प्रसाद बन जाएगा।
- घर में बाल गोपाल हैं तो मांस-मदिरा का सेवन, गलत व्यवहार और अधार्मिक कार्यों से बचना चाहिए।
- रात को सोने से पहले बाल गोपाल को सुलाने के बाद ही सोएं।
- होली, दीपावली और जन्माष्टमी जैस प्रमुख त्योहार में इनकी विशेष रूप से पूजा करें।