सावन का महीना चल रहा हैं और चारों ओर धार्मिक माहौल बना हुआ हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हर साल सावन के महीने में शिवजी पृथ्वी पर आते हैं। इसलिए इस महीने में शिव की पूजा में भक्त लीन रहते हैं। सावन के पूरे महीने में हर व्यक्ति भगवान शिव की कृपा पाने का पूरा प्रयास करता हैं। सावन के हर दिन का विशेष महत्व होता हैं। लेकिन इन सभी दिनों में सोमवार को सबसे ख़ास माना जाता हैं। सावन के सोमवार का महत्व इतना होता है कि लोग इस दिन व्रत भी रखते हैं। आज हम आपको श्रावण के सोमवार के महत्व और व्रत विधि के बारे में बताने जा रहे हैं।
* महत्व
ज्योतिष के अनुसार श्रावण माह में सोमवार का व्रत रखने और भगवान शिव की अराधना से सभी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। परिवार में सुख शांति रहती है। दुर्घटना और अकाल मृत्यु से मुक्ति मिलती है। मनचाहा जीवनसाथी मिलता है। * सोमवार व्रत विधि
इस व्रत को करने से पहले ब्रह्मचर्य नियमों का ध्यान रखें। सुबह उठकर स्नान करें। सुबह इस व्रत में भगवान शिव एवं माता पार्वती का पूजन करें। भगवान शिव को दूध और जल अर्पित करें। हो सके तो रुद्राभिषेक कराएं। सावन के महीने में वैसे शिवलिंग पर दूध चढ़ाया जाता है। इसके अलावा शिवलिंग पर गन्ने का रस चढ़ाने से जीवन में सभी तरह की सुख और समृद्धि की प्राप्ति होती है । भगवान शिव एवं माता पार्वती की पूजा के बाद सावन सोमवार व्रत की कथा करें। भगवान शिव का अभिषेक जल या गंगाजल से होता है। सोमवार का व्रत दिन के तीसरे पहर तक होता है। दिन-रात में एक समय ही भोजन करें। अभिषेक के समय महामृत्युंजय मंत्र, भगवान शिव का पंचाक्षरी मंत्र का जाप कर सकते हैं। नमक रहित प्रसाद ग्रहण करें। आरती के पश्चात भोग लगाएं और परिवार में बांटने के पश्चात स्वयं ग्रहण करें।