आज पूरे देश में मनाई जा रही ईद उल फितर, जानें इससे जुड़ी खास बातें

आज सोमवार को पूरे देशभर में ईद उल फितर का त्यौहार मनाया जा रहा हैं जो कि मुस्लिम सम्प्रदाय का मुख्य त्यौहार हैं। आज रमजान के पवित्र महीने में रोजे रखने के बाद का दिन हैं जो कि चाँद देखकर तय किया जाता हैं। आज से रोजेदार रोजा रखने के बाद अपना खानपान फिर से सामान्य कर देते हैं। आज के दिन जकात और फितरां के जरिए ग़रीबों और जरूरतमंदों की मदद की जाती है। इसी के साथ यह पर्व दर्शाता हैं कि इंसान अपनी इच्छाओं का त्याग कर बेहतर समाज बना सकता हैं।

ईद उल फितर का यह है मकसद

पवित्र कुरान के अनुसार, रजमान के महीने में रोजे रखने के बाद अल्लाह अपने बंदों को बख्शीश और इनाम देता है। बख्शीश और इनाम के इस दिन को ईद उल फितर कहा गया है। इस दिन लोग गरीबों और जरूरतमंदों की मदद करने के लिए एक खास रकम निकालते हैं, जिसे जकात (दान) कहते हैं। गरीबों को जकात देने का मकसद यह होता है कि जिनके पास अभाव है वह भी समभाव से सभी लोगों के साथ मिलकर त्योहार का आनंद ले सकें। सभी तक खुशी बराबर पुहंचे इसलिए जकात दिया जाता है।

इस बार घर में पढ़ी जाएगी नमाज

ईद उल फितर के दिन लोग जल्दी उठकर नए कपड़े पहनकर मस्जिदों में जाते हैं और नमाज अदा करके एक-दूसरे को बधाई देते हैं लेकिन इस बार कोरोना वायरस की वजह यह पर्व घर पर ही मनाया जाएगा ताकि सोशल डिस्टेंसिंग बनी रही और त्योहार के रास्ते यह बीमारी लोगों के घर तक ना पहुंचे।

ईद उल फितर का इतिहास

इस्लाम में पांच नियमों का पालन करना अनिवार्य माना गया है, जिसमें नमाज अदा करना, हज की यात्रा, ईमान, रोजा और जकात हैं। मान्यता है कि सबसे पहले ईद 624 ईस्वी में मनाई गई थी। इस्लामी इतिहास के अनुसार, इसी महीने में मुसलमानों ने पहला युद्ध लड़ा था जो सऊदी अरब के मदीना प्रांत के बदर शहर में हुआ था। इसलिए उस युद्ध को जंग-ए-बदर कहा जाता है। उस युद्ध में मुसलमानों की जीत हुई थी।