कलावा धारण करना होता है शुभ, नवरात्र में बांधते समय इन बातों का रखे विशेष ध्यान

कलावा तीन धागों से मिलकर बना हुआ होता है। कलावा सूत का बना हुआ ही होना चाहिए। इसमे लाल पीले और हरे या सफेद रंग के धागे होते हैं। यह तीन धागे त्रिशक्तियों (ब्रह्मा, विष्णु और महेश) के प्रतीक माने जाते हैं। इसे मन्त्रों के साथ ही बांधना चाहिए। हिंदू धर्म में कलावा को रक्षासूत्र के रुप में माना जाता है। एक बार बांधा हुआ कलावा एक सप्ताह में बदल देना चाहिए। पुराने कलावे को वृक्ष के नीच रख देना चाहिए या मिटटी में दबा देना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि जो कोई भी विधि विधान से रक्षा सूत्र या कलावा धारण करता है उसकी हर प्रकार के अनिष्टों से रक्षा होती है।

कलावा धारण करने के है कई लाभ

- कलावा आम तौर पर कलाई में धारण किया जाता है

- पुरुषों और लड़कियो को दाहिने हाथ पर और मैरिड लड़की को बाएं हाथ पर कलावा बांधना चाहिए

- कलावा तीनों धातुओं (कफ, वात, पित्त) को संतुलित करता है

- इसको कुछ विशेष मन्त्रों के साथ बाँधा जाता है

- अतः यह धारण करने वाले की रक्षा भी करता है

- अलग अलग तरह की समस्याओं के निवारण के लिए अलग अलग तरह के कलावे बांधे जाते हैं

- और हर तरह के कलावे के लिए अलग तरह का मंत्र होता है


अलग-अलग उद्देश्यों के लिए कलावे धारण करें

शिक्षा और एकाग्रता के लिए

- नारंगी रंग का कलावा धारण करें

- इसे बृहस्पतिवार प्रातः या वसंत पंचमी को बांधें

विवाह सम्बन्धी समस्याओं के लिए

- पीले और सफेद रंग का कलावा धारण करें

- इसे शुक्रवार को प्रातः धारण करें

- इसे दीपावली पर भी धारण करना शुभ होगा

रोजगार और आर्थिक लाभ के लिए

- नीले रंग का कलावा बांधना अच्छा होगा

- इसे शनिवार की शाम को बांधें

- इसे अगर किसी बुजुर्ग व्यक्ति से बँधवाएं तो अच्छा होगा

नकारात्मक ऊर्जा से रक्षा के लिए

- काले रंग के सूती धागे बाँधने चाहिए

- इसको बाँधने के पूर्व माँ काली को अर्पित करें

- इसके साथ किसी अन्य रंग के धागे बिलकुल न बांधें

हर प्रकार से रक्षा के लिए

- लाल पीले सफेद रंग का मिश्रित कलावा बांधना चाहिए

- इसको बाँधने के पूर्व भगवान को अर्पित कर दें

- अगर किसी सात्विक या पवित्र व्यक्ति से बंधवाएं तो काफी उत्तम होगा

कलावा बांधने और तोड़ने पर बेहत सतर्कता की जरुरत होती है। नहीं तो यह आपके लिए अशुभ साबित हो सकता है। कलावा को लेकर कई मान्याएं और कई वैज्ञानिक महत्व जुड़े हुए है। आज के समय में अधिकतर लोग कलावा बांध लेते है लेकिन इसे कब बदलना है या फिर कब तोड़ना है इस बारें में शायद ही हमें पता होता है। जिसके कारण हम इसे किसी भी दिन तोड़ देते है। जिसका असर हमारी लाइफ में बहुत ही बुरा पड़ता है। इसलिए इसे मंगलवार और शनिवार के दिन ही बदलना चाहिए। यह दिन शुभ माना जाता है।