भारतीय ज्योतिष शास्त्र बड़ा ही विकसित और जाना-माना हैं जिसकी विभिन्न शाखाएँ हमारे जीवन से जुड़े कई रहस्यों को उजागर करती हैं। ज्योतिष शास्त्र की शाखा समुद्र विज्ञान के द्वारा व्यक्ति के शरीर की जानकारी के मुताबिक व्यक्ति के बारे में बहुत कुछ जाना जा सकता हैं। इसी श्रेंणी में यह भी बताया गया है कि किस तरह की कन्या सुकन्या होती है और भाग्यशाली रहती हैं। एक भाग्यशाली महिला के भाग्य से घर-परिवार में हमेशा खुशियों का माहौल बना रहता हैं। तो आइये आज हम बताते हैं आपको किस तरह से होती है भाग्यशाली लड़कियों की पहचान।
* समुद्रशास्त्र के अुनसार जिस स्त्री के पैर का अंगूठा उठा हुआ, गोल, मांसल और लालिमा लिए होता है वह बड़ी भाग्यशाली होती है। लेकिन पैर का अंगूठा अधिक लंबा हो तो जीवन में बारबर कष्ट का सामना करना होता है।
* जिनकी जीभ लाल और कोमल हो वह खुद तो सुख भोगती ही है इनके परिवार वाले भी सुख भोगने वाले होते हैं।
* नाक के अग्रभाग यानी आगे तिल का निशान धन संपन्न जीवन की निशानी समझी जाती है।
* स्त्री के पैरों में त्रिकोण का चिन्ह उनकी चतुराई का सूचक होता है। यह अपनी बुद्धि और समझदारी से परिवार को खुशहाल बनाती है।
* पैरों में कमल, चक्र और शंख का चिन्ह बहुत ही शुभ फलदायी माना जाता है। यह स्वयं या इनका पति उच्चाधिकारी, बड़ा व्यापारी या बड़ा राजनेता होता है।
* जिन स्त्रियों की आंखें हिरणी के समान और सफेद भाग के अंत में लालिमा लिए होती है वह बड़ी भाग्यशाली और सुख भोग पाने वाली होती है।
* जिनकी एड़ी में सर्पाकार होता है वह किस्मत की धनी होती है। इन पर हमेशा ईश्वर की कृपा बनी रहती है।
* नाभि के नीचे तिल या मस्सा होना भी स्त्री के भाग्यशाली और सुखी जीवन का संकेत माना जाता है।
* जिन स्त्री की नाभि गहरी और अंदर से उठी हुई नहीं होती है वह वह सुख भोग को पाने वाली होती है।