Mahavir Jayanti 2020 : भगवान महावीर के आत्मा से जुड़े विचार दिलाएंगे सफलता

आज 6 अप्रैल, 2020 को जैन धर्म के 24वीं तीर्थंकर अर्थात महावीर स्वामी की जयंती मनाई जानी हैं। जैन धर्म में महावीर स्वामी की पूजा की जाती हैं। यह दिन बड़े हर्ष और उल्लास के साथ मनाया जाता हैं। अनुयायियों द्वारा भगवान महावीर के बताए गर महाव्रत का पालन किया जाता हैं। आज इस कड़ी में हम आपको भगवान महावीर द्वारा आत्मा से जुड़े उपदेश की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपको सफलता दिलाएंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

अप्पाणमेव जुज्झाहि, किं ते जुज्झेण बज्झयो। अप्पाणमेव अप्पाणं, जइत्ता, सुहमेह ए॥

महावीर जी कहते हैं- हे पुरुष, तू आत्मा के साथ ही युद्ध कर। बाहरी शत्रुओं के साथ किसलिए लड़ता है? आत्मा द्वारा ही आत्मा को जीतने से सच्चा सुख मिलता है।

अप्पा कत्ता विकत्ता य, दुक्खाण य सुहाण य। अप्पा मित्तममित्तं च, दुप्पट्ठिय सुपट्ठिओ।

आत्मा स्वयं ही दुःख तथा सुखों को उत्पन्न तथा नाश करने वाली है। सन्मार्ग पर चलने वाली सदाचारी आत्मा मित्र रूप है जबकि कुमार्ग पर चलने वाली दुराचारी आत्मा शत्रु।

जो सहस्सं सहस्साणं, संगामे दुज्जए जिए। एगं जिणेज्ज अप्पाणं, एस से परमो जओ॥

महावीर जी कहते हैं दस लाख शत्रुओं पर विजय प्राप्त करने से तो अच्छा है अपनी आत्मा पर ही विजय प्राप्त करें और यही श्रेष्ठ विजय भी है।