सूर्य देवता को अर्घ्य देने की सही विधि, यहाँ पढ़िए

सूरज भगवान को जल अर्पण करने का अपना ही एक अलग महत्व होता है | सूर्य को जल चढाते समय पानी के बीच से सूर्य को देखना चाहिए ऐसा करने से सूर्य की किरणों से हमारी आँखों की रोशनी भी बढती है | सूर्य पूरे ब्रम्हांड को अपनी ऊर्जा से प्रज्वलित करता है | बिना सूर्य कि उष्मा के जीवन संभव नहीं हैं | सूर्य का हमारी कुंडली पर भी असर पड़ता हैं | जिससे हमारी स्थिति कमज़ोर या मज़बूत होती हैं | हम सभी को सूर्य देवता कि आराधना उनको जल चढ़ाकर करनी चाहिए | आइये अब हम सूर्य को जल देने कि विधि के बारे में जानते हैं |

# सूर्य को जल देने का सबसे शुभ समय जब भी सूर्य उदय हो तब नहा-धोकर तैयार होकर जल चढ़ाना चाहिए |

# एक ताम्बे के पात्र में बाहर या छत पर जाकर सूर्य देवता की तरफ नंगे पांव जल देना चाहिए |

# ताम्बे के पात्र को अपने दोनों हाथो से पकड़कर सूर्य देव की तरफ le जाए और अगर सूर्य देव नहीं दिख रहें तो पूर्व दिशा की ओर देखते हुए जल देना चाहिए |

# जो जल आपने सूर्य को दिया है उसे स्पर्श कर कुछ बुँदे अपने शरीर पर, माथे पर और आँखों पर लगाये |

# सूर्य देवता को झुक कर प्रणाम करें तथा जल चढाने के साथ-साथ सूर्य नमस्कार मंत्र का उच्चारण भी करते रहें |