गुरुनानक देव जयंती: गुरूजी ने एक मां से मांगा उसका मरता हुआ बच्चा, चमत्कार से मिला जीवन

आज गुरु नानक देव की 550वीं जयंती हैं जिसे प्रकाशपर्व के रूप में भी जाना जाता हैं। आज के दिन सिख सम्प्रदाय द्वारा कई बड़े आयोजन किए जाते हैं और अपने इष्ट के बताए रास्ते पर चलने की सोच को बढ़ाने के प्रयास किए जाते हैं। इस विशेष उपलक्ष में आज हम आपके लिए गुरुनानक देव का ऐसा किस्सा लेकर आए हैं जो उनके चमत्कार को भी दर्शाता हैं। इस किस्से में गुरूजी ने एक मां से उसका मरता हुआ बच्चा मांगा और चमत्कार देखने को मिला।

यह गुरु नानक देव की बचपन की कहानी है। एक दिन उन्‍हें वो दूसरे मोहल्ले में चले गए। एक घर के बरामदे में महिला बैठी थी और रो रही थी। नानक ने उससे रोने की वजह पूछी। महिला की गोद में एक नवजात बच्‍चा था। महिला ने रोते हुए कहा, ‘ये मेरा बेटा है। मैं इसके नसीब पर रो रही हूं। कहीं और जन्म ले लेता तो कुछ दिन जिंदा रह लेता। इसने मेरे घर जन्म लिया और अब ये मर जाएगा।’ नानक ने पूछा, ‘किसने कहा कि यह मर जाएगा?’ महिला ने जवाब दिया कि अब से पहले उसके जितने बच्‍चे हुए कोई नहीं बचा।

नानक जी ने बच्‍चे को गोद में उठाया और कहा, ‘इसे तो मर जाना है ना? आप इस बच्चे को मेरे हवाले कर दो।’ महिला ने हामी भर दी और नानक जी ने बच्चे का नाम मरदाना रखा। नानक बोले, ‘अब से यह मेरा है। मैं अभी इसे आपके पास छोड़ रहा हूं। आगे जब इसकी जरूरत पड़ेगी, मैं इसे ले जाऊंगा।’ यह कहकर नानक बाहर चले गए। उस बच्‍चे की मृत्‍यु नहीं हुई। यह बच्‍चा आगे चलकर नानक जी का परम मित्र और शिष्य बना।