
देवगुरु बृहस्पति को ज्योतिष शास्त्र में एक विशेष और अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त है। ऐसा माना जाता है कि जब व्यक्ति पर देवगुरु बृहस्पति की कृपा बरसती है तो उसका भाग्योदय निश्चित रूप से होता है। ज्योतिष अनुसार, देवगुरु बृहस्पति को ज्ञान, शिक्षा, सद्गुण, संतान सुख, शिक्षक, धार्मिकता, बड़े भाई, पुण्य कर्म, धार्मिक स्थल, धन-दौलत, दान-पुण्य और समृद्धि में वृद्धि का प्रमुख कारक ग्रह माना गया है। बृहस्पति ग्रह 27 नक्षत्रों में से पुनर्वसु, विशाखा, और पूर्वा भाद्रपद नक्षत्र के स्वामी होते हैं, जो उनके प्रभाव क्षेत्र को और भी व्यापक बनाते हैं।
वर्तमान समय में देवगुरु बृहस्पति अस्त अवस्था में चल रहे हैं, लेकिन ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार 9 जुलाई को वे मिथुन राशि में पुनः उदय हो जाएंगे। गुरु ग्रह के उदय होने का प्रभाव विशेष रूप से कुछ राशियों पर अत्यंत शुभ रहेगा और उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव और उन्नति का मार्ग प्रशस्त होगा। आइए विस्तार से जानते हैं कि गुरु के उदय होने से किन-किन राशि वालों को मिलेगा जबरदस्त फायदा और सौभाग्य की प्राप्ति—
मिथुन राशि:गुरु के उदय से मिथुन राशि के जातकों को बेहद शुभ और लाभदायक योग प्राप्त होंगे। इनका ध्यान अध्यात्म की ओर आकर्षित होगा और धार्मिक गतिविधियों में सक्रियता बढ़ेगी। किसी नई जॉब का प्रस्ताव मिल सकता है जिससे करियर को मजबूती मिलेगी। साथ ही करियर में उन्नति के नए द्वार खुलेंगे। व्यापारिक मामलों में मुनाफा होगा और प्रेम-संबंधों में भी मजबूती आएगी। पारिवारिक जीवन में सुख-संपन्नता बढ़ेगी और मानसिक शांति प्राप्त होगी।
कन्या राशि:गुरु ग्रह के उदय होने से कन्या राशि वालों की सोई हुई किस्मत फिर से जाग उठेगी और जीवन में उन्नति की राह पर आगे बढ़ेंगे। आय के स्रोतों में बढ़ोतरी होगी और समाज में मान-सम्मान तथा प्रतिष्ठा प्राप्त होगी। रुके हुए कार्यों में गति आएगी और नई उपलब्धियां हाथ लगेंगी। संतान पक्ष से कोई शुभ समाचार मिलेगा जो मन को प्रसन्नता से भर देगा। जीवनसाथी के सहयोग से जीवन अधिक आनंदमय और संतुलित बनेगा। आर्थिक स्थिरता मिलेगी।
वृश्चिक राशि:गुरु का उदय वृश्चिक राशि वालों के लिए अत्यंत मंगलकारी रहेगा। वैवाहिक जीवन में मधुरता और खुशियां आएंगी। आर्थिक क्षेत्र में लाभदायक अवसर मिलेंगे और घर में किसी शुभ मांगलिक आयोजन की संभावना बन सकती है। पराक्रम और आत्मविश्वास में वृद्धि होगी, जिससे लंबे समय से अधूरे काम पूरे होंगे। आय के नए स्रोत खुलेंगे और नौकरी तथा कारोबार में तरक्की के योग बनेंगे। गुरु की कृपा से जीवन में सुख-सुविधाएं और समृद्धि आएगी।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारी पर आधारित है। किसी विशेष निर्णय या अनुष्ठान से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।