राहु ग्रह के अशुभ प्रभाव को कम करता है गोमेद रत्न, जानें कब, कैसे और किसे धारण करना चाहिए

रत्न शास्त्र के अनुसार, गोमेद को हेसोनाइट नाम से भी जाना जाता है, जो कि छाया ग्रह राहु से संबंधित एक प्रभावशाली रत्न माना जाता है। कुंडली में ग्रहों की विशेष स्थिति और राशि के अनुसार ही गोमेद रत्न धारण करना चाहिए, ताकि इसके शुभ परिणाम मिल सकें। रत्नों को धारण करने से पूर्व शास्त्रों में बताए गए नियमों का पालन करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि यह नियम व्यक्ति के जीवन पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं। गोमेद रत्न को अगर उचित विधि और सावधानी से धारण किया जाए, तो राहु ग्रह को बलवान बनाया जा सकता है और इसके अशुभ प्रभाव को कम किया जा सकता है। यह रत्न मानसिक शांति देने के साथ-साथ आत्मबल और निर्णय क्षमता को भी बढ़ाता है। परन्तु एक विशेष बात का ध्यान अवश्य रखना चाहिए कि यदि राहु कुंडली में अशुभ प्रभाव में हो, तो राहु का रत्न केवल किसी विशेष कार्यसिद्धि के लिए ही धारण करना चाहिए। जैसे ही कार्य पूर्ण हो जाए, रत्न को तुरंत उतार देना चाहिए। इस प्रकार, हम राहु के अशुभ प्रभावों के बावजूद भी उससे शुभ फल प्राप्त कर सकते हैं। आइए विस्तार से जानते हैं कि गोमेद रत्न किसे, कब और किस विधि से धारण करना चाहिए।

राहु का प्रभाव कम करने के लिए गोमेद रत्न धारण करने का शुभ समय और नक्षत्र

गोमेद कब करें धारण: गोमेद रत्न, चूंकि राहु से संबंधित होता है, अतः इसे राहु के अनुकूल नक्षत्रों जैसे शतभिषा, स्वाति और आर्द्रा में धारण करना अत्यंत शुभ फलदायक माना गया है। इन नक्षत्रों में यह रत्न विशेष रूप से प्रभावशाली होता है और इसके सकारात्मक परिणाम जल्दी प्राप्त होते हैं। रत्न धारण करने से पहले उसकी शुद्धि करना नितांत आवश्यक होता है ताकि उसमें मौजूद सभी नकारात्मक ऊर्जा समाप्त हो सके।

गोमेद रत्न धारण करने की सही विधि

गोमेद कैसे करें धारण: गोमेद रत्न को चांदी या अष्टधातु की अंगूठी में बनवाकर धारण किया जाना चाहिए। यह अंगूठी इस प्रकार बनवानी चाहिए कि रत्न की पीठ (नीचे की सतह) त्वचा को स्पर्श करे। शास्त्रों के अनुसार 6 रत्ती से कम वजन का गोमेद रत्न शुभ नहीं माना जाता। रत्न को धारण करने से पूर्व उसे गंगाजल, शुद्ध शहद और कच्चे दूध से धोकर पवित्र किया जाना चाहिए। अंगूठी को सीधे हाथ की कनिष्ठा (छोटी उंगली) में पहनना चाहिए। धारण करने से पहले “ॐ रां राहवे नमः” मंत्र का 108 बार जाप करना अत्यंत शुभ माना गया है, जिससे रत्न की शक्ति जाग्रत हो जाती है।

किन राशियों के जातकों को गोमेद रत्न पहनना चाहिए?

गोमेद किसे पहनना चाहिए: गोमेद रत्न मुख्य रूप से मिथुन, मकर, कुंभ, वृषभ और तुला राशि के लोगों के लिए फायदेमंद सिद्ध होता है। इसके अतिरिक्त यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु ग्रह उच्च स्थान पर स्थित हो अथवा राहु की दशा या महादशा चल रही हो, तो ज्योतिषाचार्य की सलाह पर यह रत्न धारण किया जा सकता है।

किन लोगों को गोमेद रत्न पहनने से बचना चाहिए?

गोमेद किसे नहीं पहनना चाहिए: रत्न विद्या के अनुसार, मेष, कर्क, सिंह और मीन राशि के जातकों को गोमेद रत्न धारण करने से बचना चाहिए, क्योंकि इससे उन्हें नकारात्मक प्रभाव झेलना पड़ सकता है। इसके अलावा, गोमेद को कभी भी माणिक्य (रूबी), मोती (पर्ल) और मूंगा (कोरल) जैसे रत्नों के साथ नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि यह रत्न एक-दूसरे के प्रभाव को निष्क्रिय कर सकते हैं। गोमेद रत्न धारण करने से पहले अपनी कुंडली की सावधानीपूर्वक जांच करवाएं और योग्य ज्योतिषी से उचित परामर्श लें, ताकि यह रत्न आपके जीवन में लाभकारी सिद्ध हो।

डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारी पर आधारित है। किसी विशेष निर्णय या अनुष्ठान से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।