02 सितंबर को मनाई जाएगी गणेश चतुर्थी, ऐसी होनी चाहिये गजानन की खरीददारी

गणेश चतुर्थी (Ganesh Chaturthi) हिन्दुओं का प्रमुख त्यौहार है और इसे पूरे देशभर में धूमधाम से मनाया जाता है। भाद्रपद मास की शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को श्री गणेश चतुर्थी के नाम से मनाया जाता है। वैसे तो यह त्‍यौहार भारत के हर कोने कोने में मनाया जाता है लेकिन महाराष्ट्र में इसकी धूम काफी जोरों से देखने को मिलती है। दस दिन तक चलने वाली गणेश चतुर्थी की शुरुआत 2 सिंतबर से होगी। ऐसा माना जाता है कि गणपति जी का जन्म मध्यकाल में हुआ था, इसलिए उनकी स्थापना इसी काल में होनी चाहिए। अगर इस दिन की पूजा सही समय और मुहूर्त पर की जाए तो हर मनोकामना की पूर्ति होती है।

गणेशोत्सव की होगी शुरुआत

इस दिन बुद्धि, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में गणेश की पूजा की जाती है। गणेश स्थापना से ही गणेशोत्सव की शुरुआत हो जाएगी और 10 दिन के बाद, अनन्त चतुर्दशी के दिन ये उत्सव पूर्ण होता है।

ऐसी होनी चाहिये गजानन की खरीदारी

गणेश जी की मूर्ति लेने जाएं तो हमेशा नए और साफ सुथरे कपड़े ही पहन कर जाएं। मूर्ति खरीदते समय यह ध्यान दें कि उनकी सूंड बाई ओर मुड़ी हुई हो। बाई ओर मुड़ी हुई सूंड वाली मूर्ति सबसे शुभ मानी जाती है। घर में मूर्ति ला कर उसे चांदी की थाली में स्वास्तिक बनाकर रखें। घर में विराजमान करें तो मंगलगान करें, कीर्तन करें। लड्डू का भोग भी लगाएं। इसके बाद रोज सुबह -शाम उनकी आरती करें और मोदक का भोग लगाएं।

कैसा होना चाहिये पूजा स्‍थल

गणपति को विराजमान करने के लिये पहले कुमकुम से स्वास्तिक बनाएं। चार हल्दी की बंद लगाएं। एक मुट्ठी अक्षत रखें। इस पर छोटा बाजोट, चौकी या पटरा रखें। लाल, केसरिया या पीले वस्त्र को उस पर बिछाएं। रंगोली, फूल, आम के पत्ते और अन्य सामग्री से स्थान को सजाएं। तांबे का कलश पानी भर कर, आम के पत्ते और नारियल के साथ सजाएं। यह तैयारी गणेश उत्सव के पहले कर लें।

कब प्रारंभ होगी चतुर्थी तिथि

गणेश चतुर्थी 02 सितंबर दिन सोमवार को सुबह 9 बजकर 1 मिनट से प्रारम्भ हो रही है, जो 3 सितंबर को प्रात: 6 बजकर 50 मिनट तक है। मध्याह्न में चतुर्थी सोमवार 02 सितंबर को पड़ रही है, इसलिए 02 सितंबर को ही गणेश चतुर्थी मनाई जाएगी।

गणेश पूजन के लिए मुहूर्त

दोपहर 11:04 बजे से 1:37 बजे तक। ये करीब 2 घंटे 32 मिनट की अवधि है।