जाने कब शुभ फल देने वाली देवी-देवताओं की मूर्तियाँ देती है अशुभ फल

भारत में मूर्ती पूजा का प्रचलन प्राचीन समय से चला आ रहा हैं और भगवान के प्रति आस्था रखते हुए मूर्ती पूजा का विशेष महत्व होता हैं। भगवान की मूर्ती में असीम शक्ति का वास होता है और इसलिए लगभग भारत के हर घर के मंदिर में देवी-देवताओं की मूर्ती होती हैं और उनकी पूजा की जाती हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं शुभ फल देने वाली मूर्तियाँ कुछ स्थितियों में अशुभ फल भी प्रदान करती हैं। आज हम आपको कुछ ऐसी ही मूर्तियों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनके दर्शन करना अच्छा नहीं माना जाता। तो आइये जानते हैं उन मूर्तियों के बारे में।

* भले ही किसी मूर्ति से कितनी ही गहरी आस्था जुडी हो, लेकिन मूर्ति खंडित हो जाए तो उसके दर्शन करना अच्छा नहीं होता है। ऐसी मूर्ति के दर्शन या पूजा करना अशुभ फलों का कारण बनता है।

* पूजा स्थल में एक ही भगवान की दो मूर्तियां रखना भी अच्छा नहीं होता है। खासतौर पर अगर दोनों मूर्तियां आस-पास या आमने-सामने हो। ऐसी मूर्तियों के दर्शन करने से बार-बार लड़ाई होती है।

* भगवान की मूर्ति घर में इस तरह रखनी चाहिए कि इनके पीछे का भाग यानि पीठ दिखाई नहीं दे। भगवान की पीठ का दिखना शुभ नहीं माना जाता।

* मंदिर में भगवान की ऐसी मूर्ति रखनी चाहिए, जिसमें उनका मुंह सौम्य और हाथ आशीर्वाद की मुद्रा में हो। रौद्र और उदास मूर्ति के दर्शन करने से नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।

* भगवान की ऐसी किसी मूर्ति के दर्शन नहीं करने चाहिए, जिसमे वे युद्ध करते या किसी का विनाश करते नजऱ आए। ऐसी मूर्ति के दर्शन करना भी दु:खों का कारण बन सकता है।