25 मार्च, 2020 को चैत्र कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा हैं जिसे नवरात्रि स्थापना के रूप में जाना जाता हैं। इस दिन से नव हिन्दू वर्ष की भी शुरुआत होती हैं। नवरात्रि के ये नौ दिन बड़ी धूमधाम से मनाए जाते हैं। हांलाकि कोरोना वायरस के चलते इस बार बाहर जाने इ अच्छा हैं घर में अकेले ही यह पावन पर्व मनाया जाए और मातारानी की पूजा की जाए। आज इस कड़ी में हम आपके लिए दुर्गा सप्तशती में बताए गए कुछ मन्त्रों की जानकारी देने जा रहे हैं जो आपकी हर कामना को पूर्ण करने में मदद करेंगे। तो आइये जानते हैं इन मन्त्रों के बारे में।
महामारी विनाश मंत्र
जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
विपत्ति नाश मंत्र
शरणागतदीनार्थपरित्राण परायणे। सर्वस्तयार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते।।
शत्रु विनाश मंत्र
सर्वाबाधाप्रशमनं त्रैलोक्यस्याखिलेश्वरी। एवमेव त्वया कार्यमस्मद्वैरी विनाशनम्।।
सर्वबाधा निवारण मंत्र
सर्वाबाधाविनिर्मुक्तो धनधान्यसुतान्वित:। मनुष्यों मत्प्रसादेन भविष्यति न संशय।।
मनोनुकूल पत्नी मंत्र
पत्नी मनोरमां देहि मनोवृत्तानुसारिणीम्। तारिणी दुर्गसंसार सागरस्य कुलोद्भवाम्।।
भय नाश मंत्र
सर्वस्वरूपे सर्वज्ञे सर्वशक्तिसमन्विते। भयैभ्यस्त्राहि नो देवि दुर्गे देवि नमोऽस्तुते।।
भक्ति की प्राप्ति मंत्र
नतेभ्य: सर्वदा भक्त्या चण्डिके दुरितापहे। रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि।।
मंगल प्राप्ति मंत्र
सर्वमंगमांगल्ये शिवे सर्वार्थसाधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणि नमोस्तुऽते।
मोक्ष प्राप्ति मंत्र
त्वं वैष्णवो शक्तिरनन्तवीर्या विश्वस्य बीजं परमासि माया। सम्मोहितं देवि समस्तमेतत् त्वं वै प्रसन्ना भुवि मुक्ति हेतु:।।