एक श्राप की वजह से संभोग के बाद भी जुड़े रहते हैं कुत्ते, महाभारत से जुड़ी है इसकी पौराणिक कथा

अक्सर आपने देखा होगा कि कई बार कुछ कुत्ते आपस में चिपक जाते हैं जो कि बहुत मुश्किल से छूट पाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि कुत्तों के इस चिपकने का कारण एक श्राप हैं जो महाभारत के समय द्रोपदी ने कुत्तों को दिया था। जी हाँ, यह सब एक श्राप के चलते होता हैं और आज हम आपको इस श्राप के पीछे की कहानी के बारे में बताने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

रानी द्रौपदी 5 पांडव (Pandav) पतियों की साझी पत्नी थी। द्रौपदी संग अंतरंग समय बिताने के लिए पांडव (Pandav) ने एक गजब का तरीका खोज निकाला था, जिससे कि उन्हें एक दूसरे से उलझन न हो। यह तय किया गया कि जब भी कोई भाई द्रौपदी के कमरे में दाखिल हो, तो वह दरवाजे पर ही अपनी जूतियां उतार दे, ताकि बाकी लोगों को भी यह पता चल जाए कि द्रौपदी अकेली नहीं है।

एक दिन एक भाई बाहर दरवाजे पर अपनी जूतियां उतारकर तो भीतर चला गया। मगर वहां से गुजर रहा एक कुत्ता खेल-खेल में वहां रखी जूतियां उठाकर ले गया। ठीक उसी वक्त दूसरा पांडव (Pandav) भाई, जो द्रौपदी संग वक्त बिताना चाहता था, यह देखकर कि दरवाजे पर कोई जूती नहीं है, यह मान बैठा कि वह अकेली है।

इससे एक शर्मनाक स्थिति बन गई, जिसने द्रौपदी को नाराज कर दिया। द्रौपदी को एहसास हुआ कि यह सब एक कुत्ते की वजह से हुआ है, जिसकी वजह से उसे बेहद शर्मिंदगी झेलनी पड़ी और तब जाकर उसने सभी कुत्तों को श्राप दिया कि वे भी उसी की तरह शर्म का सामना करेंगे जैसे द्रोपदी को करना पड़ा। तब से सम्भोग के बाद कुत्ते एक दूसरे से जुड़े रहते है।