सावन का महीना चल रहा हैं जो कि भक्ति के लिहाज से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता हैं और शिव को अतिप्रिय हैं। इसी महीने में सावन शुक्ल पंचमी अर्थात नागपंचमी का पर्व भी आता हैं जिसका पौराणिक महत्व बहुत बड़ा होता हैं। यह त्यौहार इस बार 5 अगस्त को आ रहा हैं और सोमवार को होने की वजह से इसका महत्व और बढ़ जाता हैं। नागपंचमी के दिन सभी भक्तगण नागदेवता की पूजा करते हैं और उनका आशीर्वाद प्राप्त करना चाहते है। आज हम आपको नागपंचमी की पूजा से जुड़े कुछ मन्त्रों की जानकारी देने जा रहे हैं जिनका जाप पूजा के दौरान करने से सभी मनोकामनाओं की पूर्ती होती हैं। तो आइये जानते हैं इन मन्त्रों के बारे में।
ॐ भुजंगेशाय विद्महे,
सर्पराजाय धीमहि,
तन्नो नाग: प्रचोदयात्।।
अनंत वासुकी शेषं पद्मनाभं च मंगलम्शं
खपालं ध्रतराष्ट्रकंच तक्षकं कालियं तथा।
एतानी नव नामानि नागानां च महात्मना
सायंकाले पठे नित्यं प्रातःकाले विशेषतः
तस्य विषभयं नास्ति सर्वत्र विजयी भवेत्।।
सर्वे नागा: प्रीयन्तां मे ये केचित् पृथ्वीतले
ये च हेलिमरीचिस्था ये न्तरे दिवि संस्थिता:।
ये नदीषु महानागा ये सरस्वतिगामिन:
ये च वापीतडागेषु तेषु सर्वेषु वै नम:।