कार्तिक शुक्ल एकादशी को देवउठनी एकादशी के तौर पर जाना जाता हैं जिस दिन भगवान विष्णु चार मास की योगनिद्रा से जागते हैं। इसी दिन तुलसी विवाह भी किया जाता हैं और इस दिन से सभी मांगलिक कार्य शुरू हो जाते हैं। यह तिथि बीते दिन 14 नवंबर को थी लेकिन तुलसी विवाह एकादशी से प्रारंभ होता हैं जो पूर्णिमा अर्थात 19 नवंबर को समाप्त होगा। ऐसे में मान्यता है कि इस शुभ अवसर पर कुछ उपाय किए जाए तो विवाह में आ रही बाधाओं का निवारण किया जा सकता हैं और मनचाहा वर प्राप्त किया जा सकता हैं। तो आइये जानते हैं इन उपायों के बारे में।
भगवान विष्णु की कृपा पाने के लिएतुलसी विवाह के दिन सात साबुत हल्दी की गांठें, चने की दाल, गुड़ और केसर पीले कपड़े में बांधकर लें। अब इसे भगवान विष्णु जी के मंदिर जाकर उन्हें चढ़ाएं। मान्यता है कि इस उपाय से जल्दी ही विवाह के योग बनने लगते हैं।
विवाह में आ रही बाधाएं होगी दूरइस शुभ दिन पर तुलसी जी के पास चमेली के तेल का दीपक जलाएं। मान्यता है इससे विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती है और सुयोग्य वर मिलता है।
मनचाहा साथी पाने के लिएतुलसी विवाह के शुभ दिन पर अपने कक्ष में राधा-कृष्ण की तस्वीर लगाएं। माना जाता है कि इस उपाय से मनचाहा साथी मिलता है।
पारिवारिक जीवन बनेगा सुखदतुलसी विवाह की शाम तुलसी जी के पौधे के पास गाय के घी या सरसों तेल का दीपक जलाएं। धार्मिक मान्यताओं अनुसार ऐसा करने से घर-परिवार में चल रही बाधाएं दूर होती है। घर में सुख-समृद्धि, शांति व खुशहाली का वास होता है।
सुहागिन स्त्री को दान करें शृंगारइसके साथ ही वैवाहिक जीवन में मधुरता और प्रेम बनाए रखने के लिए माता तुलसी को श्रृंगार का सामान चढ़ाएं। बाद में उस सामान कोकिसी सुहागिन स्त्री को दान कर दें।