Navratri 2020 : मनोकामना पूर्ती के लिए करें ये 5 काम

25 मार्च, बुधवार क नवरात्रि स्थापना के साथ ही मातारानी का त्यौंहार शुरू हो रहा है जिसे बहत ही पावन माना जाता हैं। इसी के साथ ही इस दिन से भारतीय नववर्ष का प्रारंभ भी होता है। सभी भक्तगण मातारानी का आशीर्वाद पाने की चाहत रखते हैं और इसके लिए व्रत-उपवास रखते हुए मातारानी की सेवा करते हैं। ऐसे में आज हम आपको कुछ ऐसे काम बताने जा रहे हैं जो आपको मनोकामना की पूर्ती करवाने का काम करेंगे। तो आइये जानते हैं इनके बारे में।

उपवास

नवरात्रि में कठिन उपवास और व्रत रखने का महत्व है। उपवास रखने से अंग-प्रत्यंगों की पूरी तरह से भीतरी सफाई हो जाती है। उपवास रखकर ही साधना की जा सकती है। यथासम्भव नमक और मीठा (चीनी मिष्ठानादि) छोड़ दें। उपवास में रहकर इन नौ दिनों में की गई हर तरह की साधनाएं और मनोकामनाएं पूर्ण होती है।

संयम से रहें

इन नौ दिनों में भोजन, मद्यमान, मांस-भक्षण और स्‍त्रिसंग शयन वर्जित माना गया है। लेकिन जो व्यक्ति इन नौ दिनों में पवित्र नहीं रहता है उसका बुरा वक्त कभी खत्म नहीं होता है। मन और विचार से पवित्रता बनाकर रखें। छल, कपट प्रपंच और अपशब्दों का प्रयोग ना करें। ब्रह्मचर्य का पालन करें, गलत लोगों की संगति ना करें।

साधारण साधना

नवदुर्गा में गृहस्थ मनुष्य को साधारण साधना ही करना चाहिए। इस दौरान उसे घट स्थापना करके, माता की ज्योत जलाकर चंडीपाठ, देवी महात्म्य परायण या दुर्गा सप्तशती का पाठ करना चाहिए। यदि यह नहीं कर सकते हैं तो इन नौ दिनों के दौरान प्रतिदिन एक माला माता के मंत्र का जाप करना चाहिए। सामान्यजन माता के बीज मंत्र या शाबर मंत्रों का जाप कर सकते हैं या अष्टमी की रात्रि में दुर्गा सप्तशती के प्रत्येक मंत्र को विधिवत सिद्ध किया जाता है।

कन्या भोज व दान

सप्तमी, अष्टमी और नौवमी के दिन कन्या पूजन करके उन्हें अच्‍छे से भोजन ग्रहण कराना चाहिए। यदि आप कन्या भोज नहीं कर रहे हैं तो आप गरीब कन्याओं को दान दक्षिणा भी दे सकते हैं। खासकर उन्हें हरे वस्त्र या चुनरी भेंट करें। आप यह कार्य किसी मंदिर में जाकर भी कर सकते हैं। वहां आप माता को खीर का भोग लगाकर कन्याओं को दान दें।

हवन

अंतिम दिन विधिवत रूप से साधना और पूजा का समापन करके हवन करना चाहिए। हवन करते वक्त हवन के नियमों का पालन करना चाहिए। उसके बाद में निर्माल्य का विसर्जन करना चाहिए।