महाशिवरात्रि 2020 : मनोकामना के अनुसार करें शिव का रुद्राभिषेक

हर साल फाल्गुन महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को महाशिवरात्रि का पावन पर्व मनाया जाता हैं जिसका पुराणों में बहुत महत्व बताया गया है। इस दिन की गई शिव की पूजा शुभ फल दिलाने वाली होती हैं। इस दिन शिव का रुद्राभिषेक करते हुए भक्तगण अपनी मनोकामना पूर्ण होने का आशीर्वाद मांगते है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि मनोरथ की पूर्ति के लिए तदनुसार पूजन सामग्री तथा विधि से रुद्राभिषेक किया जाए तो वह ज्यादा असरदार साबित होता हैं। तो आइये जानते हैं मनोकामना के अनुसार कैसे करें शिव का रुद्राभिषेक।

- इत्र मिले जल से अभिषेक करने से बीमारी नष्ट होती है।

- पुत्र प्राप्ति के लिए दुग्ध से और यदि संतान उत्पन्न होकर मृत पैदा हो तो गोदुग्ध से रुद्राभिषेक करें।

- रुद्राभिषेक से योग्य तथा विद्वान संतान की प्राप्ति होती है।

- असाध्य रोगों को शांत करने के लिए कुशोदक से रुद्राभिषेक करें।

- भवन-वाहन के लिए दही से रुद्राभिषेक करें।

- तीर्थ के जल से अभिषेक करने पर मोक्ष की प्राप्ति होती है।

- शक्कर मिले दूध से अभिषेक करने पर जड़ बुद्धि वाला भी विद्वान हो जाता है।

- सरसों के तेल से अभिषेक करने पर शत्रु पराजित होता है।

- लक्ष्मी प्राप्ति के लिए गन्ने के रस से रुद्राभिषेक करें।

- धनवृद्धि के लिए शहद एवं घी से अभिषेक करें।

- शहद के द्वारा अभिषेक करने पर यक्ष्मा (तपेदिक) दूर हो जाती है।

- पातकों को नष्ट करने की कामना होने पर भी शहद से रुद्राभिषेक करें।

- ज्वर की शांति हेतु शीतल जल/ गंगा जल से रुद्राभिषेक करें।

- सहस्रनाम मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।

- प्रमेह रोग की शांति भी दुग्धाभिषेक से हो जाती है।

- जल से अभिषेक करने पर वर्षा होती है।

- गोदुग्ध से तथा शुद्ध घी द्वारा अभिषेक करने से आरोग्यता प्राप्त होती है।

- पुत्र की कामना वाले व्यक्ति शक्कर मिश्रित जल से अभिषेक करें।