हिंदू धर्म में नवग्रहों में शनि ग्रह को विशेष स्थान प्राप्त है। शनि को कर्मफलदाता कहा गया है। शनि ग्रहों के न्यायाधीश हैं। शनि हर जातक को उसके कर्मों के हिसाब से फल प्रदान करते हैं। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष ज्येष्ठ माह की अमावस्या को शनि जयंती मनाई जाती है। इस प्रकार साल 2023 में 19 मई को शनि जयंती है। कहा जाता है कि इस दिन ही सू्र्य व छाया के पुत्र शनि का जन्म हुआ था।
यह तो सभी जानते हैं कि शनिदेव न्याय के देवता हैं। अच्छे कर्म करने वाले को अच्छा फल देते हैं। वहीं, बुरे कर्म करने वाले को दंड देते हैं। ज्योतिषियों की मानें तो कुंडली में साढ़े साती और शनि की ढैय्या से पीड़ित व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है। इसके लिए विधि विधान से शनिदेव की पूजा करनी चाहिए। साथ ही शनि जयंती के दिन इन बातों का ध्यान रखना चाहिए। आइए जानते हैं...
-शनि जयंती के दिन ब्रह्मचर्य नियमों का पालन करें। वहीं, अमावस्या तिथि पड़ने के चलते इस दिन कोई शुभ काम न करें।
-शनि जयंती के दिन तामसिक भोजन न करें। आसान शब्दों में कहें तो नॉन वेज और मदिरा का सेवन न करें और न ही धूम्रपान करें। धार्मिक मान्यता है कि शनि जयंती पर इन चीजों का सेवन करने वाला व्यक्ति अपने जीवन में जल्द कंगाल बन जाता है।
- शनि जयंती के दिन उड़द की दाल का सेवन न करें। इसके अलावा, उड़द से बनी किसी भी चीज का सेवन न करें। ऐसा करने से शनिदेव क्रोधित हो जाते हैं।
- शनि जयंती के दिन किसी भी व्यक्ति को परेशान न करें। धर्म शास्त्रों में निहित है कि शनि जयंती के दिन असहाय व्यक्ति के मान सम्मान को ठेस पहुंचाने से शनिदेव नाराज हो जाते हैं। इससे जीवन घोर संकटों से घिर जाता है।
-धार्मिक मान्यता है कि शनि जयंती के दिन सरसों तेल नहीं खरीदना चाहिए। इससे शनि देव रुष्ट हो जाते हैं, जिससे व्यक्ति के जीवन में अस्थिरता आ जाती है।
-शनि जयंती के दिन काले तिल न खरीदें। शनिदेव की पूजा काले तिल, सरसों के तेल आदि चीजों से की जाती है। इसके लिए शनि जयंती पर काले तिल खरीदने से बचना चाहिए। ऐसा करने से सुख का प्रस्थान और दुख का आगमन होने लगता है। इस दिन गरीबों और जरूरतमंदों को लोहे से बनी चीजें दान करें।
शनिदेव को इन उपायों से करें प्रसन्न
- शनि जयंती के दिन भगवान शिव का काले तिल मिले हुए जल से अभिषेक करना चाहिए। कहते हैं कि ऐसा करने से शनिदोष से मुक्ति मिलती है।
- इस दिन शनिदेव को अपराजिता के फूलों की माला अर्पित करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।
- शनि जयंती के दिन शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए गरीब व जरूरतमंद को सामर्थ्यनुसार दान करना चाहिए।
- शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
- मान्यता है कि शनि जयंती के दिन पीपल के वृक्ष में शाम के समय सरसों के तेल का दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं।