एकादशी के दिन भूलकर भी ना करे ये काम, करना पड़ता है भगवान विष्णु के प्रकोप का सामना

हिन्दू धर्म में एकादशी का दिन बड़ा महत्वपूर्ण माना जाता हैं। सभी तिथियों में इसे ही सबसे सर्वश्रेष्ठ समझा जाता हैं। इस दिन किये गए धर्म कार्यों का आपको उचित फल मिलता हैं। आज आश्विन शुक्ल एकादशी है जिसे पापांकुशा एकादशी के नाम से जाना जाता हैं। आज के दिन भगवान विष्णु का पूजन किया जाता हैं और उनसे आशीर्वाद लिया जाता हैं। लेकिन आज के दिन कुछ काम करने से बचना चाहिए, नहीं तो भगवान विष्णु के प्रकोप का सामना करना पड़ता हैं। तो आइये जानते हैं उन कामों के बारे में।

* स्त्रीसंग

एकादशी पर स्त्रीसंग करना भी वर्जित है क्योंकि इससे भी मन में विकार उत्पन्न होता है और ध्यान भगवान भक्ति में नहीं लगता। अतः एकादशी पर स्त्रीसंग नहीं करना चाहिए।

* क्रोध

एकादशी पर क्रोध भी नहीं करना चाहिए। इससे मानसिक हिंसा होती है। अगर किसी से कोई गलती हो भी जाए तो उसे माफ कर देना चाहिए और मन शांत रखना चाहिए।

* हिंसा करना

एकादशी के दिन हिंसा करने की मनाही है। हिंसा केवल शरीर से ही नहीं मन से भी होती है। इससे मन में विकार आता है। इसलिए शरीर या मन किसी भी प्रकार की हिंसा इस दिन नहीं करनी चाहिए।

* परनिंदा (दूसरों की बुराई करना)

परनिंदा यानी दूसरों की बुराई करना। ऐसा करने से मन में दूसरों के प्रति कटु भाव आ सकते हैं। इसलिए एकादशी के दिन दूसरों की बुराई न करते हुए भगवान विष्णु का ही ध्यान करना चाहिए।

* पान खाना

एकादशी के दिन पान खाना भी वर्जित माना गया है। पान खाने से मन में रजोगुण की प्रवृत्ति बढ़ती है। इसलिए एकादशी के दिन पान न खा कर व्यक्ति को सात्विक आचार-विचार रख प्रभु भक्ति में मन लगाना चाहिए।

* जुआ खेलना

जुआ खेलना एक सामाजिक बुराई है। जो व्यक्ति जुआ खेलता है, उसका परिवार व कुटुंब भी नष्ट हो जाता है। जिस स्थान पर जुआ खेला जाता है, वहां अधर्म का राज होता है। ऐसे स्थान पर अनेक बुराइयां उत्पन्न होती हैं। इसलिए सिर्फ आज ही नहीं बल्कि कभी भी जुआ नहीं खेलना चाहिए।