हनुमान जी की पूजा करतें वक़्त कभी ना करें ये गलतियां

दुनिया का सबसे बड़ा भक्त 'वीर हनुमान जी' को ही बताया जाता हैं। उनकी प्रभु श्री राम के प्रति भक्ति को कौन नहीं जानता और ऐसे भक्त का भक्त बनना हर कोई चाहता हैं। हनुमान जी को भक्तों का दुखहरण और मंगलकरण करने वाला माना जाता हैं। वेसे तो सप्ताह के सभी दिन भक्ति के लिए उचित हैं लेकिन मंगलवार को हनुमान जी का दिन बताया जाता हैं। कहा जाता है कि इस दिन हम हनुमान जी की पूजा करें तो जल्द ही हर मनोकामना पूरी होती है। कई लोग मंगलवार के दिन हनुमान जी की भक्ति के लिए पूजा एवं व्रत करते हैं। लेकिन कभी-कभी कुछ गलतियां कर बैठते हैं जिससे उन्हें भक्ति का उचित फल नहीं मिल पाता। इसलिए आज उन गलतियों के बारे में बताया जा रहा है जिन्हें सुधारकर आप हनुमान जी को प्रसन्न कर सकते हैं। तो आइये जानते हैं उन गलतियों के बारे में।

* यदि आप स्त्री है और हनुमान जी की पूजा करने की सोच रहे है तो ऐसा ना करें क्योकि हनुमान जी ने जानकी जी को माता माना है तथा उन्होंने प्रत्येक स्त्रियों को माँ का दर्जा दिया है।यही कारण है की हनुमान जी किसी भी स्त्री को अपने सामने प्रणाम करते नहीं देख सकते बल्कि स्त्री शक्ति को वे स्वयं नमन करते है। परन्तु फिर भी यदि महिलाएं चाहे तो हनुमान जी के चरणों में दिप अर्पित कर सकती है तथा उन्हें प्रसाद अर्पित कर सकती है।लेकिन 16 उपचार जिनमे मुख्यतः हनुमान जी को स्नान करना, चोला चढ़ाना, वस्त्र चढ़ाना ये सब सेवाएं किसी महिला द्वारा किया जाना अथवा उन्हें छूना ये हनुमान जी पूजा में बिलकुल निषेध है।

* भूल कर भी काले या सफ़ेद वस्त्र धारण करके हनुमान जी की पूजा न करें। ऐसा करने पर पूजा का नकरात्मक प्रभाव पड़ता है। हनुमान जी को लाल रंग प्रिय है इसलिए उनकी पूजा लाल, और यदि लाल ना हो तो पीले वस्त्र में ही करें।

* मंगलवार को उनकी पूजा करते समय अपना तन मन पूरी तरह स्वच्छ कर लें। इसका मतलब है कि मांस या मदिरा इत्यादि का सेवन करके भूल से भी ना तो हनुमान जी के मंदिर ना जाये और ना घर पर उनकी पूजा न करें। वरना हनुमान जी कुपित हो भयंकर परिणाम भुगतने का दंड दे सकते है। पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर भी मन को भटकने न दें।

* हनुमानजी के पूजन में साफ-सफाई और पवित्रता का विशेष ध्यान रखना अनिवार्य है। किसी भी प्रकार की अपवित्रता नहीं होनी चाहिए। जब भी पूजा करें, तब पुरे मन से और तन से पवित्र हो जाना चाहिए।पूजन के दौरान गलत विचारों की ओर मन को भटकने न दें। हनुमान जी की पूजा में चरणामृत का प्रयोग नहीं करना चाहिए।

* यदि आप का मन अशांत है या आप क्रोध में है तब भी हनुमान जी की पूजा न करें क्योकि हनुमान जी शांतप्रिय व्यक्तित्व के थे और यदि आप क्रोध या अशांत मन से उनकी पूजा करते है तो ऐसी पूजा का कोई भी शुभ फल आपको प्राप्त नहीं होगा।