अगर चाहते है पैसों की तंगी से बचना तो भूलकर भी दिवाली के दिन घर पर ना लाएं लक्ष्मी-गणेश की ऐसी मूर्ति

इस बार दिवाली 27 अक्टूबर (Sunday, 27 October, Diwali 2019) को है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार हर साल दिवाली कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या पर मनाई जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्री राम लंकापति रावण का वध कर मां सीता सहित अपना वनवास पूरे कर अयोध्या लौटे थे। उनके आने की ख़ुशी में अयोध्यावासियों ने नगर को दीपों से सजाया था। तभी से दिवाली मनाने की परंपरा चली आ रही है। दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और श्रीगणपति की पूजा का बहुत महत्व है। इनकी पूजा के बिना यह त्योहार अधूरा रहता है। पूजा के लिए हर साल घर में गणेश-लक्ष्मी की नई मूर्ति लाई जाती है। इन मूर्तियों को खरीदने में भी बहुत सावधानी रखनी पड़ती है। गणेश जी की मूर्ति ऐसी होनी चाहिए जो कि शास्त्रों के अनुसार सही हो। गणेश जी के स्वरूप के अनुसार बनी मूर्ति की पूजा करने से भगवान की कृपा मिलती है और पूजा का पूरा फल भी मिलता है। तो आइए जानते हैं कि दिवाली के दिन गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

गणेश जी की मूर्ति खरीदते समय सबसे ज्यादा ध्यान रखने वाली बात है कि मूर्ति में जनेउ, रंग, सूंड, वाहन, अस्त्र-शस्त्र, हाथों की संख्या और आकृति सही होने चाहिए। गणेश जी को वक्रतुंड कहा जाता है। मूर्ति में उनकी सूंड बाईं ओर मुड़ी हुई होनी चाहिए। ऐसी प्रतिमा की पूजा करने से भगवान प्रसन्न होते हैं। धन लाभ के लिए बैठे हुए गणेश जी की प्रतिमा लेना शुभ माना जाता है। सुख और संपत्ति के लिए हाथ में मोदक लिए हुए गणेश जी प्रतिमा लेना शुभ माना जाता है।

जब भी मां लक्ष्मी का पूजन विष्णु जी और गणेश जी के साथ करें तो हमेशा गणेश जी लक्ष्मी जी के दाहिने और विष्णु जी लक्ष्मी जी के बाएं होने चाहिए। सही तरीके से पूजन करने से माता लक्ष्मी की कृपा प्राप्ति होती है। सिंहासन पर बैठे हुए गणेश लक्ष्मी की मांग अधिक होती है। लक्ष्मी जी को कमल अधिक प्रिय है, इसलिए कमल के फूलनुमा बने सिंहासन की भी विशेष मांग होती है। घर में खंडित मूर्ति या मां लक्ष्मी का फटा हुआ चित्र नहीं रखना चाहिए। वास्तु और ज्योतिष दोनों के हिसाब से ही ये अशुभ हैं। पूजा स्थल में सबसे ज्यादा जिस बात का ध्यान रखने वाली बात है वह है कि लक्ष्मी मां की दो मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए। लक्ष्मी मां की दो मूर्तियां आस-पास तो बिल्कुल नहीं रखनी चाहिए। ऐसा होने पर उस घर में कलह होती है।