दिवाली स्पेशल : पाना चाहते है माँ लक्ष्मी का आशीर्वाद, जानें पूजन की पूर्ण विधि

दिवाली के त्योहार पर माँ लक्ष्मी का पूजन किया जाता हैं और उनसे आशीर्वाद लिया जाता हैं। महालक्ष्मी पूजन के लिए रोली, चावल, पान का पत्ता, दूध, खील, बतासे, सिन्दूर,केसर, सुपारी, फल, फूल, रुई, कलावा, नारियल, कलश, सूखे मेवे, मिठाई, दही गंगाजल धूप, दीपक, अगरबत्ती की आवश्यकता होती हैं। महालक्ष्मी का पूजन व्यक्ति के जीवन की सभी आर्थिक परेशानियों को दूर कर देता हैं। इसलिए आज हम आपके लिए पूजन की पूर्ण विधि लेकर आए हैं। ताकि आपको पूरा लाभ मिल सकें। तो आइये जानते है पूर्ण विधि के बारे में।

* घर के बड़े-बुजुर्गों को या नित्य पूजा-पाठ करने वालों को महालक्ष्मी पूजन के लिए व्रत रखना चाहिए। घर के सभी सदस्यों को महालक्ष्मी पूजन के समय घर से बाहर नहीं जाना चाहिए। सदस्य स्नान करके पवित्र आसन पर बैठकर आचमन, प्राणायाम करके स्वस्ति वाचन करें। फिर गणेशजी का स्मरण कर अपने दाहिने हाथ में गन्ध, अक्षत, पुष्प, दूर्वा, दव्य और जल आदि लेकर दीपावली महोत्सव के निमित्त गणेश, अम्बिका, महालक्ष्मी, महासरस्वती, महाकाली, कुबेर आदि देवी-देवताओं के पूजनार्थ संकल्प करें।

* कुबेर पूजन करना लाभकारी होता है। कुबेर पूजन करने के लिये सबसे पहले तिजोरी अथवा धन रखने के संदुक पर स्वस्तिक का चिन्ह बनायें, और कुबेर का आह्वान करें।

* सबसे पहले गणेश और अम्बिका का पूजन करें। फिर कलश स्थापन, षोडशमातृका पूजन और नवग्रह पूजन करके महालक्ष्मी आदि देवी-देवताओं का पूजन करें। पूजन के बाद सभी सदस्य प्रसन्न मुद्रा में घर में सजावट और आतिशबाजी का आयोजन करें।

* आप हाथ में अक्षत, पुष्प, जल और धन राशि ले लें। यह सब हाथ में लेकर संकसंकल्प मंत्र को बोलते हुए संकल्प कीजिए, ‘मैं अमुक व्यक्ति अमुक स्थान और समय पर अमुक देवी-देवता की पूजा करने जा रहा हूं जिससे मुझे शास्त्रोक्त फल प्राप्त हो’। सबसे पहले गणेश जी और गौरी का पूजन करिए।

* हाथ में थोड़ा-सा जल ले लें और भगवान का ध्यान करते हुए पूजा सामग्री चढ़ाएं। हाथ में अक्षत और पुष्प ले लें। अंत में महालक्ष्मी जी की आरती के साथ पूजा का समापन करें। घर पूरा धन-धान्य और सुख-समृद्धि हो जाएगा।

* दीपावली का विधिवत-पूजन करने के बाद घी का दीपक जलाकर महालक्ष्मी जी की आरती की जाती है। आरती के लिए एक थाली में रोली से स्वास्तिक बनाएं। उस में कुछ अक्षत और पुष्प डालें, गाय के घी का चार मुखी दीपक चलायें। और मां लक्ष्मी की शंख, घंटी, डमरू आदि से आरती उतारें।

* आरती करते समय परिवार के सभी सदस्य एक साथ होने चाहिए। परिवार के प्रत्येक सदस्य को माता लक्ष्मी के सामने सात बार आरती घूमानी चाहिए। सात बात होने के बाद आरती की थाली को लाइन में खड़े परिवार के अगले सदस्य को दे देना चाहिए। यहीं क्रिया सभी सदस्यों को करनी चाहिए।

* दीपावली पर सरस्वती पूजन करने का भी विधान है। इसके लिए लक्ष्मी पूजन करने के पश्चात मां सरस्वती का भी पूजन करना चाहिए।

* दीपावली एवं धनत्रयोदशी पर महालक्ष्मी के पूजन के साथ-साथ धनाध्यक्ष कुबेर का पूजन भी किया जाता है। कुबेर पूजन करने से घर में स्थायी सम्पत्ति में वृद्धि होती है और धन का अभाव दूर होता है।