Diwali 2022 : जानें पांच दिन चलने वाले त्यौहारों की तारीख और उनका महत्व

दिवाली के पावन पर्व का इंतजार सभी को रहता हैं जो कि बुराई पर सच्चाई की जीत को दर्शाता हैं। हर साल कार्तिक अमावस्या को दिवाली का त्यौहार मनाया जाता हैं। इसकी शुरुआत धन तेरस से ही हो जाती हैं जो कि भाई दूज तक चलता हैं। पांच दिन चलने वाला यह त्यौहार घर में खुशियां लाने का काम करता हैं। इन दिनों में माता लक्ष्मी के साथ ही अन्य देवताओं की पूजा भी की जाती है। ज्योतिष की दृष्टि से भी ये 5 दिन बेहद शुभ माने जाते हैं जिनमें किए गए उपाय आपके जीवन में सुख-समृद्धि लाने का काम करते हैं। आज इस कड़ी में हम आपको पांच दिन चलने वाले त्यौहारों की तारीख और उनका महत्व बताने जा रहे हैं। आइये जानते हैं इसके बारे में...

धनतेरस 2022


इस साल धनतेरस का त्योहार 22 अक्टूबर दिन शनिवार को है। इस दिन प्रदोष काल में माता लक्ष्मी, धन के देवता कुबेर और देवताओं के वैद्य धन्वंतरी की पूजा करते हैं। धनतेरस या धन्वंतरि जयंती या धनत्रयोदशी या धन्वंतरी त्रयोदशी पर्व का प्रथम दिवस माना जाता है। यह दिवाली उत्सव की शुरुआत का प्रतीक है। परिवार की उन्नति के लिए धनतेरस पर सोना, चांदी, धनिया, झाड़ू आदि खरीदते हैं। मान्यता है कि धनतेरस के दिन खरीदारी करने से घर में बरकत आती है। धनतेरस के दिन प्रदोष व्रत भी रखा जाता है। इस बार धनतेरस पर शनि प्रदोष व्रत है। इस बार यम का दीपक भी धनतेरस को ही निकाला जाएगा।

नरक चतुर्दशी 2022 या काली चौदस 2022

नरक चतुर्दशी या काली चौदस कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी ति​थि को होता है। काली चौदस पश्चिम बंगाल में मनाते हैं। नरक चतुर्दशी को छोटी दिवाली भी कहते हैं। नरक चतुर्दशी का पूजन अकाल मृत्यु से मुक्ति और स्वास्थ्य सुरक्षा के लिए किया जाता है। एक पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान श्रीकृष्ण ने कार्तिक माह को कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन नरकासुर का वध करके देवताओं और ऋषियों को उसके आतंक से मुक्ति दिलवाई थी। हालांकि इस साल काली चौदस की पूजा 23 अक्टूबर की रात को होगी, लेकिन नरक चतुर्दशी यानी छोटी दिवाली 24 अक्टूबर को दिवाली के साथ ही मनाई जाएगी।

दिवाली 2022


कार्तिक अमावस्या को दिवाली का त्योहार मनाते हैं। इस साल दिवाली 24 अक्टूबर को है। इस दिन रात्रि के शुभ समय में माता लक्ष्मी और गणेश जी की विधिपूर्वक पूजा करते हैं और घर को दीपक से रौशन करते हैं। इस दिन जब भगवान श्रीराम लंका विजय करके माता सीता के साथ अयोध्या लौटे थे, तब दिवाली मनाई गई थी। तब से यह परंपरा चली आ रही है। पूरे भारत में इस पर्व का अलग ही हर्ष और उल्लास देखने को मिलता है। इस दिन पूरा देश दीये को रोशनी से जगमगा उठता है। हिंदू धर्म में दिवाली को सुख-समृद्धि प्रदान करने वाला त्योहार माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी अपने भक्तों के घर पर पधारती हैं और उन्हें धन-धान्य का आशीर्वाद प्रदान करती हैं।

गोवर्धन पूजा 2022 या अन्नकूट 2022

दिवाली के अगले दिन गोवर्धन पूजा या अन्नकूट का त्योहार मनाते हैं। इस साल गोवर्धन पूजा या अन्नकूट 26 अक्टूबर दिन बुधवार को है, क्योंकि दिवाली के अगले दिन 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण है। इंद्रदेव के घमंड को चूर करने और गोकुल के लोगों की रक्षा के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को अपनी छोटी अंगुली पर धारण कर लिया था। उसके बाद से ही गोवर्धन की पूजा की जाने लगी। इस दिन भगवान श्रीकृष्ण को अन्नकूट का भोग लगाते हैं। इस दिन गोवर्धन पर्वत, गोधन यानि गाय और भगवान श्री कृष्ण की पूजा का विशेष महत्व है। इसके साथ ही वरुण देव, इंद्र देव और अग्नि देव आदि देवताओं की पूजा का भी विधान है।

भाई दूज 2022


भाई दूज का त्योहार कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाते हैं, इसे यम द्वितीया भी कहते हैं क्योंकि इस दिन यमराज अपनी बहन यमुना के घर भोजन करने गए थे। तब उन्होंने यमुना को वरदान दिया था कि इस दिन जो भी भाई अपनी बहन के घर जाएगा, उसे मृत्यु का भय नहीं सताएगा। इस साल भैया दूज 26 अक्टूबर को है। भाई दूज का पर्व रक्षाबंधन की तरह भाई-बहन के आपसी प्रेम और स्नेह का प्रतीक होता है। भाई दूज के मौक पर बहन भाई के माथे पर टीका करती हैं, आरती उतारती है और उनकी लंबी उम्र की कामना करती हैं। ये प्रथा सदियों पुरानी है। इस दिन बहन भाई को अपने घर बुलाती हैं और उन्हें अपने घर भोजन कराती हैं। इसके बाद उन्हें सूखा नारियल देकर उनकी सुख-समृद्धि व खुशहाली की कामना करती हैं।