लक्ष्मी पूजन में इन 5 चीजों का इस्तेमाल ला सकता है घर में दरिद्रता

कार्तिक माह में धनतेरस के बाद अमावस्या तिथि को दीपावली (Diwali 2019) मनाई जाती है। इस साल यह त्योहार 27 अक्टूबर को मनाया जा रहा है। घर में धन-संपदा और सुख-शान्ति प्राप्त करने के लिए इस दिन भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। धार्मिक शास्त्रों के अनुसार देवी लक्ष्मी की पूजा का फल तब ही मिलता है जब पूजा पाठ नियम से किया जाएं। मां लक्ष्मी की पूजा में कुछ चीज़ें ऐसी है जिनका प्रयोग करने से धन की देवी लक्ष्मी नाराज हो जाती हैं, इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा करते समय इन बातों का विशेष ध्यान रखें।

- भगवान विष्णु को तुलसी सबसे अधिक प्रिय होती है लेकिन देवी लक्ष्मी को तुलसी से वैर है क्योंकि यह भगवान विष्णु के दूसरे स्वरूप शालिग्राम की पत्नी है। इस नाते तुलसी देवी लक्ष्मी की सौतन है। इसलिए देवी लक्ष्मी की पूजा में तुलसी नहीं चढ़ानी चाहिए।

- देवी लक्ष्मी की पूजा के लिए दीपक की बाती का रंग लाल होना चाहिए दीपक को दायीं ओर रखें। दीपक बायीं ओर नहीं रखना चाहिए। इसका कारण यह है कि भगवान विष्णु अग्नि और प्रकाश स्वरूप हैं। भगवान विष्णु का स्वरूप होने के कारण दीप को दायी ओर रखना चाहिए।

- भूलकर भी देवी लक्ष्मी सफेद फूल नहीं चढ़ाने चाहिए, देवी लक्ष्मी चीर सुहागन हैं इसलिए इन्हें हमेशा लाल फूल जैसे लाल गुलाब और लाल कमल फूल चढ़ाया जाता है।

- दिवाली पर देवी लक्ष्मी की पूजा तब तक सफल नहीं मानी जाती जब तक भगवान विष्णु की पूजा नहीं की जाती, इसलिए दीपावली की शाम गणेश जी की पूजा के बाद देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु की भी पूजा करें।

- देवी लक्ष्मी की पूजा के समय प्रसाद दक्षिण दिशा में रखें और फूल बेलपत्र हमेशा सामने रखें।

पूजन का समय-

दिल्ली : सायं 6:43 से 8:14 बजे तक

लखनऊ : सायं 6:32 से 8:01 बजे तक

नोएडा-गाजियाबाद : 6:43 से 8:14 बजे

गुरुग्राम : सायं 6:45 से 8:15 बजे तक

फरीदाबाद : सायं 6:43 से 8:14 बजे तक

मेरठ : सायं 6:41 से 8:12 बजे तक

देहरादून : सायं 6:37 से 8:09 बजे तक

पटना/ रांची : सायं 6:17 से 7:44 बजे

घरों और व्यावसायिक स्थलों पर पूजन मुहूर्त-


फैक्टरी और कारखाने में पूजन

27 अक्तूबर को सुबह 8 से 10.30 (स्थिर लग्न वृश्चिक) और अपराह्न 2:10 से 3:40 बजे तक (स्थिर लग्न कुंभ)

अमावस्या प्रारम्भ

27 अक्तूबर दोपहर 12:33 बजे से

अमावस्या समाप्त

28 अक्तूबर को प्रात: 09:08 बजे
प्रदोषकाल

शाम 5:36 से रात 8:11 बजे तक

दुकानों में पूजन का समय (खाता-बही)-

-सायं 6:40 से सायं 8:40 बजे तक

-घरों में लक्ष्मी पूजन का समय

-27 अक्तूबर को सायं 6:30 से

-रात्रि 8:30 बजे तक