Dhanteras 2020: धन और आरोग्य से जुड़ा है धनतेरस का पर्व, इस दिन भूलकर भी न करें ये गलतियां

धनतेरस (Dhanteras 2020) को 'धन्य तेरस' या 'ध्यान तेरस' भी कहते हैं। धनतेरस का त्योहार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी को मनाया जाता है। धनतेरस दिवाली (Diwali 2020) से पहले आता है। इस बार त्रयोदशी 12 नवंबर रात 09:30 बजे से अगले दिन 13 नवंबर को शाम 05:59 तक रहेगी। इसके बाद चतुर्दशी तिथि आरम्भ हो जाएगी। इसलिए 13 नवंबर को शाम 05:59 से पहले धनतेरस मनाया जाएगा। 13 नवंबर को शाम 05:59 के बाद छोटी दिवाली यानी नरक चतुर्दशी शुरू हो जाएगी। धनतेरस का पर्व धन और आरोग्य से जुड़ा हुआ है। धन के लिए इस दिन कुबेर की पूजा की जाती है और आरोग्य के लिए धनवन्तरि की पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन लोग सोना-चांदी (Gold and Silver) की खरीदारी करते हैं, ताकि उनके घर में सुख और समृद्धि बनी रहे। ऐसी मान्यता है कि धनतेरस के शुभ दिन पर सोना, चांदी और बर्तन खरीदने से पूरे साल संपन्नता बनी रहती है। धनतेरस पर कुछ सावधानियां (Dhanteras mistakes) बरतनी भी जरूरी हैं।

धनतेरस के दिन अगर घर में कूड़ा-कबाड़ या खराब सामान पड़ा हुआ है तो घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश नहीं होगा। धनतेरस से पहले ही ऐसा सामान बाहर निकाल दें। घर के मुख्य द्वार या मुख्य कक्ष के सामने तो बेकार वस्तुएं बिल्कुल भी ना रखें। मुख्य द्वार को नए अवसरों से जोड़कर देखा जाता है। माना जाता है कि घर के मुख्य द्वार के जरिए घर में लक्ष्मी का आगमन होता है इसलिए ये स्थान हमेशा साफ-सुथरा रहना चाहिए।

अगर आप धनतेरस पर सिर्फ कुबेर की पूजा करने वाले हैं तो ये गलती ना करें। कुबेर के साथ माता लक्ष्मी और भगवान धन्वंतरि की भी उपासना जरूर करें वरना पूरे साल बीमार रहेंगे।

इस दिन शीशे के बर्तन नहीं खरीदने चाहिए। धनतेरस के दिन सोने चांदी की कोई चीज या नए बर्तन खरीदने को अत्यंत शुभ माना जाता है।

धनतेरस पर लोहे से बनी चीजें नहीं खरीदनी चाहिए। कहते हैं कि इस दिन लोहे से बनी चीजें घर पर लाने से राहु ग्रह की अशुभ छाया पड़ जाती है। राहु की नजर पड़ते ही घर में परेशानियां बढ़ने लगती हैं।

धनतेरस पर बर्तन खरीदने की परंपरा काफी समय से चली आ रही है। स्टील भी लोहा का ही दूसरा रूप है इसलिए कहा जाता है कि स्टील के बर्तन भी धनतेरस के दिन नहीं खरीदने चाहिए। स्टील के बजाए कॉपर या ब्रॉन्ज के बर्तन खरीदे जा सकते हैं।

धनतेरस के दिन किसी को भी उधार देने से बचें। इस दिन अपने घर से लक्ष्मी का प्रवाह बाहर ना होने दें। ऐसा करने से आप पर देनदारी और कर्ज का भार पड़ सकता है।

धनतेरस के दिन काले रंग की चीजों को घर लाने से बचना चाहिए। धनतेरस एक बहुत ही शुभ दिन है जबकि काला रंग हमेशा से दुर्भाग्य का प्रतीक माना गया है इसलिए धनतेरस पर काले रंग की चीजें खरीदने से बचें।

इस दिन नकली मूर्तियों की पूजा ना करें। सोने, चांदी या मिट्टी की बनी हुई मां लक्ष्मी की मूर्ति की पूजा करें। स्वास्तिक और ऊं जैसे प्रतीकों को कुमकुम, हल्दी या किसी शुभ चीज से बनाएं। नकली प्रतीकों को घर में ना लाएं।

ग्रंथों में बताया धनतेरस का महत्व

- कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां निशामुखे।
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनिश्यति ।।

अर्थ - कार्तिक महीने के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी पर सायंकाल में घर के बाहर यमदेव के उद्देश्य से दीप रखने से अपमृत्यु का निवारण होता है।

- कार्तिकस्यासिते पक्षे त्रयोदश्यां तु पावके।
यमदीपं बहिर्दद्यादपमृत्युर्विनश्यति।।

अर्थ -
कार्तिक के कृष्णपक्ष की त्रयोदशी को घर से बाहर यमराज के लिए दीप देना चाहिए, इससे दुर-मृत्यु का नाश होता है।