रंगों का है ग्रहों से कनेक्शन, जीवन में लाते हैं सुख-सौभाग्य

बरसात के मौसम में जब इन्द्रधनुष का नजारा देखने को मिलता हैं तब कितना सुखमय पल होता हैं। इन्द्रधनुष के ये सभी रंग मिलकर आपके चहरे पर खुशी ले आते हैं। इसी तरह रंग जिंदगी में भी खुशियाँ लाने का काम करते हैं। जी हाँ, वास्तु में रंगों का ग्रहों से कनेक्शन बताया गया हैं जो आपके जीवन में आने वाले समय को निर्धारित करते हैं। आज हम आपको इससे जुड़ी जानकारी ही देने जा रहे हैं कि कौनसा रंग जीवन पर क्या प्रभाव डालता हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।

- सफ़ेद (White) रंग शांति,पावनता और सादगी को दर्शाता है। इस रंग के प्रयोग से चंद्रमा और शुक्र की कृपा बनी रहती है। मन की एकाग्रता व शांति के लिए यह रंग सर्वोपरि माना गया है।

- नीला (Blue) रंग साफ़-सुथरा निष्पापी, पारदर्शी, करुणामय, उच्च विचार होने का सूचक है। नीला (Blue) रंग श्री विष्णु,श्री राम,श्री कृष्ण, श्री महादेव के शरीर का है। नीला (Blue) रंग विष को पीकर गले में रोक लेने की क्षमता रखने वाले भगवान शिव के गुण और भाव को प्रदर्शित करता है।जीवन में नीले (Blue) रंग के प्रयोग से शनिदेव की बराबर कृपा बनी रहती है।
- हरा रंग, खुशहाली, समृद्धि, उत्कर्ष, प्रेम, दया, पावनता, पारदर्शिता का प्रतीक है। हरे रंग के प्रयोग से बुध की कृपा बनी रहती है।

- लाल (Red) रंग ऊर्जा और शक्ति का प्रतीक है। इसलिए शक्ति पूजा में अनार, गुड़हल के पुष्प, लाल (Red) वस्त्र इत्यादि लाल (Red) रंग की वस्तुओं का उपयोग किया जाता है। ज्योतिषीय आधार पर लाल (Red) रंग को देखें तो इस रंग से भूमि,भवन,साहस,पराक्रम के स्वामी मंगल ग्रह भी प्रसन्न रहते है। मंगलवार को लाल (Red) वस्त्र पहनने से उत्साह और कार्य क्षमता में वृद्धि होती है। यह रंग सौभाग्य की भी निशानी है इसलिए सुहागन स्त्रियां शुभ अवसरों पर इस रंग को अधिक पहनती हैं।

- पीला (Yellow) रंग अहिंसा, प्रेम,आनंद और ज्ञान का प्रतीक है। श्री विष्णु और उनके अवतारों को पीताम्बर धारण करवाने का यह प्रमुख कारण है। यह रंग सौंदर्य और आध्यात्मिक तेज को तो निखरता ही है, साथ ही पीले (Yellow) वस्त्र धारण करने से देव गुरु वृहस्पति भी प्रस्नन होकर अपनी कृपा बरसाते हैं।
- नांरगी (Orange) रंग, लाल (Red) और पीले (Yellow) से मिलकर प्रकट होता है तो इस तरह यह रंग दोनों रंगों का असर भी अपने अंदर समाहित करके चलता है। नारंगी रंग ज्ञान, ऊर्जा, शक्ति, प्रेम और आनंद का प्रतीक है। जीवन में इसके प्रयोग से मंगल और बृहस्पति दोनों ग्रहों की कृपा तो बनी ही रहती है,साथ ही सूर्यदेव की भी असीम कृपा बरसती है।