आज सप्ताह का पहला दिन हैं जो कि भगवान शिव को समर्पित होता है। आज के दिन मंदिरों में भगवान शिव और देवी पार्वती जी की पूजा-अर्चना की जाती हैं और व्रत रखा जाता हैं। कई अविवाहित लड़के-लड़कियां भी यह व्रत रखते है ताकि उन्हें अच्छा जीवनसाथी मिल सकें। व्रत का पूर्ण फल तभी मिल पाता हैं जब इसे उचित नियमों के साथ किया जाए। आज हम आपको सोमवार व्रत की पूर्ण पूजन विधि की जानकारी देने जा रहे हैं। तो आइये जानते हैं इसके बारे में।
- सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें।
- पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं।
- गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें।
- घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
- पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें - मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमवार व्रतं करिष्ये
- इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें -
'ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्।
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्॥
- ध्यान के पश्चात 'ॐ नमः शिवाय' से शिवजी का तथा 'ॐ नमः शिवाय' से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें।
- पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें।
- तत्पश्चात आरती कर प्रसाद वितरण करें।
- इसके बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें।