
ज्योतिषीय दृष्टिकोण से देखा जाए तो गुरु ग्रह का गोचर जीवन में विशेष प्रभाव डालता है। गुरु का शुभ प्रभाव जहां व्यक्ति को सुख, समृद्धि और ज्ञान से भर देता है, वहीं इसके विपरीत—अगर गुरु की स्थिति बिगड़ जाए, तो जीवन में दुख-दर्द और परेशानियों का सिलसिला शुरू हो सकता है। वर्तमान समय में गुरु मिथुन राशि में स्थित हैं और इस समय अस्त अवस्था में चल रहे हैं।
दृक पंचांग के अनुसार, 12 जून से गुरु अस्त हैं और यह स्थिति 8 जुलाई तक बनी रहेगी। ऐसे में लगभग एक महीने तक इनकी कमजोर स्थिति सभी 12 राशियों पर किसी न किसी रूप में असर डालेगी। लेकिन कुछ राशियों को इस अवधि में विशेष सतर्क रहने की आवश्यकता है। आइए जानते हैं उन राशियों के बारे में जिन्हें 9 जुलाई तक अधिक सावधानी बरतनी चाहिए—
कन्या राशिगुरु के अस्त होने से कन्या राशि के जातकों को छोटी-छोटी परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। विशेष रूप से नौकरीपेशा लोगों को अपने उच्च अधिकारियों यानी बॉस की नाराजगी झेलनी पड़ सकती है। ऐसे समय में कोई भी नई जिम्मेदारी या विवाद से दूर रहना ही बेहतर रहेगा। साथ ही व्यापारियों को भी इस समय किसी बड़े निवेश से बचने की सलाह दी जाती है, क्योंकि इस अवधि में लिया गया आर्थिक जोखिम नुकसानदायक हो सकता है।
सिंह राशिसिंह राशि के जातकों के लिए भी यह समय थोड़ी चुनौतीपूर्ण स्थितियां लेकर आ सकता है। कार्यक्षेत्र में अपनी प्रतिभा साबित करने के लिए आपको सामान्य से कहीं ज्यादा मेहनत करनी पड़ सकती है। इतना ही नहीं, जो योजनाएं आपने पहले बनाई थीं, वे भी अपेक्षित फल नहीं दे सकतीं। पारिवारिक जीवन में भी थोड़ी हलचल संभव है, जिससे घर की शांति प्रभावित हो सकती है। यात्रा के योग बनने के बावजूद यह समय यात्रा के लिए शुभ नहीं माना जा रहा।
वृश्चिक राशिवृश्चिक राशि के जातकों के लिए गुरु का अस्त होना कुछ कठिनाइयाँ लेकर आ सकता है। इस समय कोई भी बड़ा निवेश करने से पहले दो बार सोचें और सलाह जरूर लें, क्योंकि आर्थिक नुकसान का खतरा बढ़ सकता है। दांपत्य जीवन में भी थोड़ी बहस या नोकझोंक की स्थिति बन सकती है, जो मानसिक तनाव को बढ़ा सकती है। साथ ही बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर चिंता बनी रह सकती है। बढ़ते खर्च आपकी जेब पर असर डाल सकते हैं, इसलिए बजट में संतुलन बनाए रखना जरूरी होगा।
डिस्क्लेमर: यह लेख धार्मिक मान्यताओं और पंचांग आधारित जानकारी पर आधारित है। किसी विशेष निर्णय या अनुष्ठान से पहले योग्य पंडित या ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।