वास्तु के अनुसार घर का रंग होने से सुख समृद्धि आती है। घर का रंग हमारे अंतर्मन और विचारों को निश्चित रूप से प्रभावित करता है। रंग प्रकृति की निराली देन हैं। सदियों से रंगों के शक्तिशाली प्रभाव को अनुभव किया जाता रहा है। रंगों का सही उपयोग सुख, शांति और समृद्धि को बढ़ाता है, पर गलत उपयोग हानिप्रद सिद्ध होता है।
वास्तुशास्त्र में रंगों के सही उपयोग का निर्देश दिया गया है, कि किस तरह रंगों को सुंदर तरीके से निवास स्थान या व्यवसाय स्थल में प्रयोग किया जाए, जिससे जिंदगी में अधिक से अधिक सुख-शांति एवं आनंद प्राप्त किया जा सके। वास्तु शास्त्र के अनुसार हमारे घर की प्रत्येक वस्तु हमें प्रभावित करती है उसी प्रकार घर की दीवारों का रंग भी हमारे अन्तःचेतना, स्वभाव तथा कार्यप्रणाली को पूर्णरूपेण प्रभावित करता है। यदि आप अपने घर में वास्तु शास्त्र के अनुसार निर्धारित रंग का प्रयोग करते है तो अवश्य ही कुछ हद तक आपकी जिन्दंगी में खुशियों का रंग भर जाएगा। आइये जानते हैं वास्तु के अनुसार कैसा हो रंग।
* पूजा घर में गहरे या अलग-अलग रंगों का प्रयोग मन को चंचल बना सकता है। इसी प्रकार उत्तर दिशा में भी हल्के रंगों का प्रयोग करना चाहिए जबकि दक्षिण-पूर्व दिशा को गरम रंगों जैसे लाल या नारंगी रंगों से सजाना अच्छा रहता है। यदि आप हल्के रंग पसंद करते हों, तो इस दिशा में गुलाबी रंग का प्रयोग किया जा सकता है।
* प्रवेश रूम यानि घर के पहले कमरे में नीला रंग, गुलाबी रंग या फिर हल्का हरा रंग करवाना चाहिए। इससे घर में सकारात्मक उर्जा आती है।
* रंग चिकित्सा पद्धति का आधार सूर्य के प्रकाश के सात रंग हैं। इन रंगों में अनेक बीमारियों को दूर करने की शक्ति होती है। इस दृष्टिकोण से उत्तर पूर्वी कक्ष, जिसे घर का सबसे पवित्र कक्ष माना जाता है में सफेद या बैंगनी रंग का प्रयोग करना चाहिए। इसमें अन्य गाढ़े रंगों का प्रयोग कतई नहीं करना चाहिए।
* रसोईघर में सबसे अच्छा रंग सफेद होता है। इससे पवित्रता एवं सफाई बनी रहती है। रसोई में किसी भी स्थिति में लाल रंग नहीं करना चाहिए। लाल रंग होने पर परिवार में विवाद होते हैं।
* घर में डायनिंग रूम एक ख़ास महत्त्व रखता है। यहां घर के सदस्य साथ भोजन करते है। बहुत बार भोजन के दौरान अनेक महत्वपूर्ण डिसीजन भी लिए जाते हैं। इसलिए इस कमरे में वैसे रंग का का इस्तेमाल करना चाहिए, जो घर के सदस्यों को एक-दूसरे से जोड़ने और निर्णय लेने में सहायक हो। भारतीय वास्तुशास्त्र के अनुसार, इस कमरे के लिए हल्का हरा, गुलाबी, आसमानी या पीला रंग अच्छा माना गया है।
* मुख्य शयनकक्ष का रंग गुलाबी, हल्का नींबू या पीला रंग करना शुभ होता है। गुलाबी रंग शयनकक्ष में सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि करता है, जिससे वातावरण प्रसन्नचित्त रहता है।
* बच्चों के शयनकक्ष का रंग हल्का नीला, हल्का हरा या हल्का स्लेटी होना शुभ होता है। बच्चे पढ़ते समय बोझिल नहीं होते। सफेद रंग से बच्चों में अध्ययन करते समय जल्दी सुस्ती छा जाती है।