छठ पूजा पर रखा जाता है व्रत, इस दौरान भूलकर भी ना करे ये गलतियां

छठ का महापर्व 31 अक्टूबर से शुरू हो जाएगा। दीपावली के छठे दिन से शुरू होने वाला छठ का पर्व चार दिनों तक चलता है। इन चारों दिन श्रद्धालु भगवान सूर्य की आराधना करके वर्षभर सुखी, स्वस्थ और निरोगी होने की कामना करते हैं। मान्यता है कि सूर्य देव की कृपा से घर में धन-धान्य का भंडार रहता है। छठी माई संतान प्रदान करती हैं। सूर्य से श्रेष्ठ संतान के लिये भी इस दिन व्रत रखा जाता है। छठ पूजा को सबसे कठिन व्रत माना जाता है क्योंकि इसके नियम बहुत कड़े होते हैं। आइए जानते हैं कि छठ पूजा में किन बातों को जरूर ध्यान में रखना चाहिए और किन कामों को बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

- छठ पूजा में सफाई का बहुत महत्व है। छठ पूजा का प्रसाद बनाने वाली जगह साफ-सुथरी होनी चाहिए। छठ पूजा का प्रसाद उस जगह पर नहीं बनाना चाहिए जहां खाना बनता हो। पूजा का प्रसाद मिट्टी के चूल्हे पर ही पकाएं।

- छठ पूजा के दौरान सात्विक भोजन करें। लहसुन-प्याज के सेवन से दूर रहें। इन्हें घर पर भी न रखें।

- प्रसाद को गंदे हाथों से न तो छूना चाहिए और न ही बनाना चाहिए।

- प्रसाद बनाते वक्त कुछ भी खाना नहीं खाना चाहिए। प्रसाद बनाते वक्त और पूजा के दौरान हर किसी को साफ-सुथरे कपड़े पहनने चाहिए।

- सूर्य भगवान को जिस बर्तन से अर्घ्य देते हैं, वो चांदी, स्टेनलेस स्टील, ग्लास या प्लास्टिक का नहीं होना चाहिए।

- छठ व्रतियों को बिस्तर पर नहीं सोना चाहिए। व्रत करने वाली महिलाओं को फर्श पर चादर बिछाकर सोना चाहिए।

- बिना हाथ धोए पूजा के किसी भी सामान को न छुएं। बच्चों को छठ पूजा का प्रसाद जूठा न करने दें जब तक छठ पर्व संपन्न ना हो जाए।

- छठ पूजा में व्रत रख रहे लोगों को अपशब्दों और अभद्र भाषा का बिल्कुल इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।

- अगर आप व्रती है, तो बिना सूर्य को अर्घ्य दिए जल या भोजन ग्रहण न करें।

- छठ व्रत के दौरान घर पर मांसाहार लाना या इसका सेवन वर्जित है।

नहाय खाय करते समय किन बातों का ध्यान रखना चाहिए

– नहाय खाय करते समय कुछ बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है जिससे छठ मइया का पूरा आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

– नहाय खाय वाले दिन अपने घर को पूरी तरफ से साफ कर लेना चाहिए। सुबह उठकर नदी, तालाब, कुएं में नहाकर साफ कपड़े धारण करना चाहिए।

– यदि आपके निकट गंगा नदी है तो प्रयास करें कि इस दिन गंगा स्नान जरूर करें, ऐसा करना शुभ माना गया है।

– साफ सफाई पर विशेष ध्यान दें। पूजा की किसी भी वस्तु को जूठे या गंदे हाथों से ना छूएं।छठ पूजा में ये 6 फल हैं महत्वपूर्ण, इसलिए पसंद है छठ मैय्या

– फिर व्रती महिलाएं और पुरुष भोजन ग्रहण करें। भोजन ग्रहण करने से पहले सूर्य भगवान को भोग लगाते हैं। इस दिन व्रती सिर्फ एक ही बार भोजन ग्रहण करते हैं।

– छठ करने वाली व्रती महिला या पुरुष चने की दाल और लौकी शुद्ध घी में सब्जी बनाते और ग्रहण करते हैं। उसमें सेंधा शुद्ध नमक ही डालते हैं। घर के बाकी सदस्य भी यही खाते हैं।

– इस बात का भी ध्यान रखें कि घर के बाकी सदस्य व्रती लोगों के भोजन करने के बाद ही खाएं। घर के बाकी सदस्य भी वही खाना खाते हैं जो व्रती खाते हैं।

– नहाय खाय से छठ पर्व के आखिरी दिन तक मांस मदिरा का सेवन बिल्कुल नहीं करना चाहिए।

– व्रत के दिन व्रती महिलाओं और पुरुषों को फर्श पर चादर या चटाई बिछाकर सोना चाहिए।