इस जगह बैठकर किया हनुमान चालीसा का पाठ देता है दुगना फल

हनुमान जी जिन्हें कलयुग का एकमात्र ऐसा देवता माना जाता है जो इस धरती पर जीवित रूप से विद्यमान हैं। भक्तों के दुखहर्ता और उनकी मनोकामन पूर्ण करने वाले हनुमान जी को स्मरण करने का सबसे अच्छा जरिया माना जाता है हनुमान चालीसा। हनुमान चालीसा का पाठ करने से भक्तों को जीवन में बहुत लाभ होता हैं। लेकिन हनुमान चालीसा के उसी पाठ से दुगना लाभ मिले तो कैसा हो। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि की तरह से आप हनुमान चालीसा का पाठ करें कि दुगना फायदा मिले।

हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए हनुमान चालीसा, बजरंग बाण और सुंदरकांड आदि का पाठ किया जाता है। इनमें से किसी भी एक का पाठ करने से शनि, राहु और मंगल जैसे पाप ग्रहों के दुष्प्रभाव से मुक्ति मिलती है।

अगर आप पवन पुत्र हनुमान जी को प्रसन्न करना चाहते हैं तो आपको पीपल के पेड़ के पास बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए। ऐसा करने से हुनमान जी जल्दी प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों के सभी दुख दूर कर देते हैं।


मान्यता है कि पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं सहित ब्रह्मा जी और विष्णु जी का भी वास होता है। यह पेड़ शनि देव और मां लक्ष्मी को भी अति प्रिय है। अगर आप इसकी छाया में बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं तो आपको इसके दो फायदे मिलेंगें, पहला फायदा इससे शनि देव प्रसन्न होंगें और दूसरा फायदा ये होगा कि आपको हनुमान जी की भी विशेष कृपा मिलेगी।

रविवार का दिन छोड़कर आप रोज़ पीपल के पेड़ के नीचे बैठकर हनुमान चालीसा का पाठ कर सकते हैं। ऐसा करने से पितरों को भी शांति मिलती है और उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।

रविवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा नहीं की जाती है क्योंकि ऐसा मानना है कि इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करने से घर में गरीबी और दरिद्रता आती है। जो भी व्यक्ति इस दिन पीपल के पेड़ प जल चढ़ाता है या उसकी पूजा करता है उस पर धन की देवी मां लक्ष्मी की बहन दरिद्रता प्रसन्न हो जाती हैं और उस व्यक्ति को गरीब बना देती हैं। इस दिन पीपल की पूजा करने से व्यक्ति को धन-संपन्ना की जगह दरिद्रता मिलती है इसलिए इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करना वर्जित है।