चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि अर्थात दुर्गाष्टमी 25 मार्च को हैं। इस दिन माँ दुर्गा के स्वरुप महागौरी का पूजन किया जाता हैं। नवरात्रि में इस दिन का महत्व बड़ा होता हैं, क्योंकि इस दिन महागौरी की पूजा करने से व्यक्ति पापमुक्त हो जाता हैं। मन जाता है कि माता सीता ने भी श्री राम को पति के रूप में पाने के लिए महागौरी का पूजन किया था। शास्त्रों में दुर्गाष्टमी से जुड़े कई उपाय हैं जिन्हें करने से जीवन के कष्ट दूर होते हैं और सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। तो आइये जानते हैं दुर्गाष्टमी के दिन किये जाने वाले उपायों के बारे में।
* अष्टमी की रात 12 बजे के बाद अपने घर के मुख्य दरवाज़े पर शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इससे दुर्भाग्य दूर होता हैं।
* 9 कन्याओं को अपने घर बुलाकर भोजन करवाएं। भोजन में खीर जरूर बनवाएं। बालिकाओं को उपहार भी दें।
* महागौरी के स्वरूप को दूध से भरी कटोरी में विराजित कर चांदी का सिक्का चढ़ाएं। फिर सिक्के को धोकर हमेशा अपनी जेब में रखें। घन की कमी नहीं रहती।
* मनचाही इच्छापूर्ति के लिए पानी वाले नारियल को सिर से 3, 5, 7 अथवा 11 बार घुमाकर बहते हुए जल में प्रवाहित करने से मनचाही इच्छाएं पूरी होंगी।
* पीपल के ग्यारह पत्ते लें। उन पर राम नाम लिखें पत्तों की माला बनाकर हनुमानजी को पहना दें। इससे सभी प्रकार की परेशानियां दूर होती हैं।
* स्थिर लक्ष्मी प्राप्ति के लिए पान में गुलाब की 7 पंखुरियां रखकर तथा मां दुर्गा को अर्पित करें।
* किसी दुर्गा मंदिर में जाकर 8 कमल के फूल माता को अर्पित करें। इससे माता प्रसन्न होती हैं।
* 11 सुहागिनों स्त्रियों को लाल चूड़ियां व सिंदूर भेंट करें। इससे धन लाभ होने के योग बनते हैं।