हथेली की रेखाओं के अनुसार करें देवी-देवता का पूजन, बनेंगे शुभ संयोग

हर घर में ईश्वर के प्रति आस्था रखते हुए मंदिर बनाया जाता हैं जिसमें अपने इष्टदेव को स्थान देते हुए व्यक्ति उनका पूजन करता हैं ताकि जीवन में कभी कोई बाधा ना आए और यह खुशियों से व्यतीत हो। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आप अगर आपकी हाथ की रेखाओं के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा करें तो शुभ संयोग बनते हैं और जीवन में सफलता का मार्ग प्रशस्त होता हैं। आज हम आपको इसी से जुड़ी जानकारी देने जा रहे हैं कि हाथों की रेखाओं से किस तरह जानेंगे कि आपके आराध्य देव कौन से हैं, जिनकी पूजा करने से आपको लाभ प्राप्त हो सकता है। तो आइये जानते है इसके बारे में।

- अगर किसी जातक की भाग्य रेखा को कई मोटी रेखाएं काट दें या फिर रेखा खंडित हो या भाग्य रेखा में किसी तरह को कोई भी दोष हो तो जातक को श्री हरि विष्णु की संगिनी देवी लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए, ऐसे में जातक को मां लक्ष्मी मंत्र का जाप करने से भी लाभ प्राप्त होता है।

- अगर किसी जातक की हथेली में सूर्य पर्वत दबा हुआ हो तो जातक को सूर्यनारायण की पूजा करने से लाभ मिलता है। इसलिए जातक को सूर्यदेव की पूजा करनी चाहिए।

- हस्त रेखाशास्त्र के अनुसार अगर किसी व्यक्ति की हथेली में हृदय रेखा पर त्रिशूल के आकार का चिह्न बनता है तो जातक को भगवान शिव की पूजा आराधना करने से लाभ प्राप्त होता है। शिव जी जीवन के सारें कष्टों से मुक्ति दिलाते हैं।

- अगर जातक के हाथ में हृदयरेखा के अंत के स्थान से एक शाखा निकल कर गुरु पर्वत पर जाकर रुके तो ऐसे में व्यक्ति के लिए हनुमानजी की पूजा करनी चाहिए, इससे संकटमोचन आपके जीवन में आने वाले सारे संकटों दूर करते हैं।

- हस्तरेखाशास्त्र के अनुसार अगर किसी जातक की हृदय रेखा और मस्तिष्क रेखा मिलती हुई हो या फिर मस्तिष्क रेखा हथेली में स्थित मंगल क्षेत्र तक जाए, तो जातक को भगवान श्री कृष्ण की आराधना करनी चाहिए।

- लेकिन अगर हृदय रेखा टूटी हुई हो और साथ में हृदय रेखा से बहुत सारी शाखाएं निकलकर मस्तिष्क रेखा पर आती हो तो ऐसे लोगों के लिए मां भगवती की पूजा-अर्चना करनी चाहिए।