किसी भी व्यक्ति के लिए उसका शरीर ही सबकुछ होता हैं। अगर शरीर साथ दे तो व्यक्ति हर मुश्किल का सामना कर लेता है। शरीर के अच्छे स्वास्थ्य के लिए सबसे ज्यादा जरूरी होता है नहाना। क्योंकि नहाने से शरीर की गन्दगी साफ़ होती है और कीटाणुओं का खतरा कम होता हैं। नहाने का अध्यात्मिक रूप से भी बड़ा महत्व हैं। इसलिए चाणक्य ने कुछ ऐसे नियमों का वर्णन किया है जिसमें कुछ काम ऐसे हैं जिन्हें करने के बाद नहाना जरूरी बताया गया हैं। तो चलिए हम बताते हैं आपको उन कामों के बारे में।
* तेल मालिश के बाद चाणक्य ने बताया है कि स्वस्थ्य शरीर और चमकदार त्वचा के लिए जरूरी है कि सप्ताह में कम से कम एक बार पूरे शरीर पर तेल मालिश की जानी चाहिए। तेल मालिश के बाद शरीर के रोम छिद्र खुल जाते हैं और अंदर का मेल बाहर हो जाता है। अत: तेल मालिश के तुरंत बाद नहा लेना चाहिए। इससे शरीर का समस्त मेल और तेल साफ हो जाता है। त्वचा में चमक आती है। तेल मालिश के बाद बिना नहाए बाहर जाना अशुभ माना जाता है।
* शवयात्रा से लौटकर यदि कोई व्यक्ति किसी मृतक की अंतिम यात्रा में जाता है या श्मशान जाता है तो वहां से आने के तुरंत बाद भी नहा लेना चाहिए। श्मशान के वातावरण में कई प्रकार के कीटाणु रहते हैं जो कि हमारे स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हैं। श्मशान जाने पर ये कीटाणु हमारे बालों में और कपड़ों पर चिपक जाते हैं, यदि इन्हें साफ न किया जाए तो यह स्वास्थ्य के लिए हानिकारक हो सकते हैं। अत: वहां से घर आकर तुरंत नहा लेना स्वास्थ्य के लिए श्रेष्ठ रहता है।
* प्रेम प्रसंग के बाद स्त्री हो या पुरुष, प्रेम-प्रसंग (काम क्रिया) के बाद भी नहाना जरूरी माना गया है। इस काम के बाद स्त्री और पुरुष, दोनों ही अपवित्र हो जाते हैं। इसके बाद जब तक नहाएंगे नहीं, तब तक किसी भी धार्मिक कार्य के लिए योग्य नहीं हो सकते हैं। आचार्य चाणक्य के अनुसार इस काम के बाद बिना नहाए, कहीं बाहर नहीं जाना चाहिए।
* बाल कटवाने के बाद आचार्य चाणक्य कहते हैं कि हजामत (बाल कटवाना) करवाने के बाद भी तुरंत स्नान कर लेना चाहिए। बाल कटवाने के बाद पूरे शरीर पर छोटे-छोटे बाल चिपक जाते हैं जो कि नहाने के बाद ही शरीर से साफ हो सकते हैं। अत: इस कार्य के बाद तुरंत नहाना चाहिए।